रेप का झूठा आरोप लगाना पड़ा महँगा, युवती को 7 साल की सजा और लगाया जुर्माना
8 मई 2017
‘बलात्कार
शब्द सुनते ही न चाह कर भी बरबस इस ओर #ध्यान खिच जाता है । वैसे तो
वर्तमान समाज में बहुत सारी समस्याएँ फैली हुई हैं लेकिन #दामिनी कांड के
बाद देश में बलात्कार की शिकायतों (कम्प्लेंट्स) में हुई वृद्धि #चौंकाने
वाली है । यह सोचने का विषय है कि #बलात्कार की शिकायतों में अचानक इतना
इजाफा क्यों हो गया है ? क्या नये कानून बनने के बाद #नारियों में जागरूकता
आयी है या इसका कारण कुछ और है ? इसका गलत फायदा उठाकर कहीं निर्दोषों को
#फंसाया तो नहीं जा रहा है ?
New Trend Of Fake Rape Cases |
ऐसा ही एक रोहतक का मामला सामने आया है..
दुष्कर्म
का #झूठा केस दर्ज करवाना एक युवती को महंगा पड़ गया। अदालत ने युवती को ही
#दोषी करार देते हुए सात साल की सजा व 10 हजार रुपये का #जुर्माना भी
लगाया। वहीं मामले में अदालत ने दुष्कर्म के आरोपियों को बेगुनाह बताकर
#बरी कर दिया।
जानकारी
के अनुसार इंदिरा कॉलोनी (रोहतक -हरियाणा) निवासी एक युवती ने जून 2015
में कॉलोनी के ही #संजय के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। संजय के
परिवार के आठ सदस्यों पर साजिश रचने के #आरोप में नामजद किया गया था। अदालत
में आरोपी पक्ष की तरफ से दुष्कर्म के मामले में ऐसे #सबूत पेश किए गए
जिसमें युवती झूठी साबित हो गई।
अदालत
ने सबूतों के आधार पर #दुष्कर्म के सभी आरोपियों को वर्ष 2015 में बरी कर
दिया। इसी दिन संजय ने अदालत में युवती के खिलाफ #मानहानि का केस चलाने की
अपील की। अदालत ने इसे मंजूर करते हुए मानहानि का #केस चला दिया।
इस
मामले की बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई, जिसमें युवती को #दोषी ठहराया गया।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र #न्यायाधीश मीनाक्षी वाईके बहल ने युवती को सात साल
की #सजा सुनाई। दोषी को 10 हजार रुपये जुर्माना भी भरना होगा, अन्यथा छह
माह की अतिरिक्त #सजा काटनी होगी।
फैशन बन गया है बलात्कार का आरोप लगाना
रेप
सम्बन्धी नये कानूनों के परिणाम, मीडिया की भूमिका, राजनैतिकों द्वारा
इसके इस्तेमाल आदि विभिन्न विषयों पर #वास्तविकता को जनता के समक्ष रखते
हुए #शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना के सम्पादकीय में लिखा गया है : (बालिग,
नाबालिग द्वारा ) छेडखानी और बलात्कार का आरोप लगाकर सनसनी पैदा करना अब
फैशन हो गया है क्या ?
ऐसा
सवाल लोगों के #मन में उठने लगा है । ‘छेडखानी, ‘बलात्कार जैसे आरोप लगाकर
#सनसनी फैलाने के मामले बढ़ने लगे हैं । ऐसे मामलों में सच बाहर आने के
पूर्व ही उस संदेहास्पद अभियुक्त की ‘मीडिया ट्रायल के नाम पर जो भरपूर
बदनामी चलती है, वह बहुत ही #घिनौनी है ।
टीवी
#चैनलों के लोग ‘वारदात, ‘सनसनी जैसे आपराधिक #कार्यक्रमों में बलात्कार
का ‘आँखों देखा हाल दिखाकर ऐसा #दर्शाते हैं कि उन्होंने जैसे अपनी खुली
आँखों से बलात्कार देखा हो । संदेहास्पद बलात्कार के मामलों को छौंक-बघारकर
पाठक तथा दर्शकों तक #परोसा जाता है ।
चरित्रहनन
तथा बदनामी, राजनीति में एक बहुत बडा #हथियार बन गया है । कानून #महिलाओं
के साथ है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ऐसे कानून का कोई गलत इस्तेमाल कर
किसी को भी #तख्त पर चढ़ाये । बलात्कार बहुत ही #घिनौंना और गम्भीर मामला
है । कोई भी महिला यह कलंक क्षणभर भी #बर्दाश्त नहीं कर सकती । लेकिन इन
दिनों बलात्कार का आरोप तथा शिकायत (तथाकथित) घटना घटित होने के छः-छः
महीने और दो-दो, बारह-बारह साल के बाद दाखिल की जाती है । (संत आशारामजी
बापू व उनके बेटे #नारायण साँईजी पर तो दो महिलाओं को मोहरा बनाकर 12 व 11
साल पहले #बलात्कार हुआ ऐसी कल्पित, झूठी कहानी बना के मामला #दर्ज करवाया
गया है ।
कुछ
समय पहले मुंबई #पुलिस दल के एक बहादुर अधिकारी #अरुण बोरुडे पर भी ऐसा ही
आरोप लगाया गया और उन्होंने #आत्महत्या कर ली । जाँच के बाद बोरुडे
#निर्दोष साबित हुए । बलात्कार का आरोप यह बडों के खिलाफ विरोध का एक
#हथियार बन गया है । छेडखानी, बलात्कार यह अमानवीय है लेकिन इस तरह के गलत
आरोप लगाकर स्त्रीत्व का #बेजा इस्तेमाल करना भी समस्त महिला समुदाय को
कलंकित कर रहा है ।
इसका समाधान कौन करेगा ?
दिल्ली,
फास्ट ट्रैक कोर्ट के #न्यायाधीश श्रीमती निवेदिता शर्मा ने भी कहा कि
‘‘इन दिनों बलात्कार या यौन-शोषण के झूठे #मुकद्दमे दर्ज कराने का ट्रेंड
बढ़ता जा रहा है, जो चिंताजनक है । इस तरह के चलन को #रोकना बेहद जरूरी है ।
आम
नागरिक से लेकर #प्रसिद्ध हस्तियों तक सभी के लिए असुरक्षिता का माहौल
क्यों पैदा हो रहा है ? महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी अपने को #असुरक्षित
महसूस क्यों कर रहे हैं ? संयुक्त परिवार क्यों टूट रहे हैं ? इसे जानने के
लिए विभिन्न न्यायाधीशों, न्यायविदों, अधिवक्ताओं, #सामाजिक संगठनों के
प्रमुखों एवं अन्य मान्यवरों ने प्रत्यक्ष अनुभव किया है ।
यह
किसी #व्यक्ति-विशेष की नहीं बल्कि एक #सामाजिक समस्या है । इससे समाज के
सभी वर्ग #प्रभावित हो रहे हैं । इस समस्या के समाधान के लिए सबको #प्रयास
करना होगा । नहीं तो हो सकता है कि कल आप भी इसके #चंगुल में आ जायें ।
अतः सावधान !
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🇮🇳 आज़ाद भारत🇮🇳
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