मीडिया ने छुपाई खबर : 300 लोगों का ईसाई मिशनरियां करवा रही थी धर्मपरिवर्तन
12 मई 2017
ईसाई मिशनरियां प्रलोभन देकर भोले-भाले हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन करवा लेते हैं लेकिन जब उनको वास्तविकता पता चलती है कि दुनिया में हिन्दू धर्म ही सर्वश्रेष्ठ है तो वो पश्चाताप करके घरवापसी करते हैं । आज ईसाई मिशनरियां देश मे खुलेआम धर्म परिवर्तन करवा रहे है पर उनके विरुद्ध क्यों मौन है भारत की मीडिया ??
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सिर्फ अपना नाम बदल लेने से , सिर्फ अपना आराध्य बदल लेने से कोई कुछ भी करे वो पाप और बीमारी से कैसे बच सकता है?
ये थ्योरी फिलहाल समझ के बाहर की बात है पर ऐसा कर के भोले भाले ग्रामीणों को धर्म त्यागने पर मजबूर किया जा रहा है,वो भी बिना किसी डर के ।
मामला है गुरुवार का उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में जहाँ दक्षिण टोला थाने के गाँव सलेम पुर में अचानक ही सूचना मिली कि ईसाई मिशनरी से जुड़े कुछ लोग लगभग 300 लोगों को विभिन्न प्रलोभन आदि देकर हिन्दू धर्म त्याग करवा अपना पंथ अपनाने के लिए पहुंचे हैं ।
विश्व हिन्दू परिषद् के लिए ये खबर बहुत अप्रत्याशित थी और वो सीधे वहां पहुंच गए जहाँ हिन्दुओं का धर्म-परिवर्तन करवाया जा रहा था ।
मौके पर भीड़ लगी मिली और धर्मांतरण के प्रमाण भी थे । वहां लोगों को बताया जा रहा था कि ईसा मसीह की शरण में आने से सारे दुःख दूर होते हैं और हर बीमारी खत्म हो जाती है और भी उसके अलावा बहुत कुछ समझाया जा रहा था ।
विश्व हिन्दू परिषद् के वहां पहुंचने की सूचना पुलिस को मिली तो हड़कंप मच गया । तत्काल किसी अनहोनी की घटना को रोकने के लिए मौके पर पुलिस बल पंहुचा और धर्मांतरण करा रहे 6 मिशनरी प्रतिनिधियों को गिरफ्तार करके थाने ले आये जहाँ उन से गहन पूछताछ की गई ।
विश्व हिन्दू परिषद् आक्रोशित हो उठी थी जिसके बाद पुलिस ने उनसे तहरीर देने की बात कही । तत्पश्चात विश्व हिन्दू परिषद् के शैलेन्द्र सिंह की दी गयी तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर के कार्यवाही शुरू कर दी गई।
मामले की गंभीरता बढ़ते देख कर जिलाधिकारी ने भी विषय का संज्ञान लिया और अधीनस्थ SDM को तत्काल कार्यवाही के निर्देश जारी किये । SDM ने पूरे प्रकरण की बारीकी देखना शुरू कर दिया है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है । धर्म त्यागने के लिए उन्हें भी लाइन में बैठाया गया था जिनकी उम्र अभी इतनी कम है कि वो अपना नाम भी ठीक से बता नहीं पा रहे थे ।
इतनी बड़ी खबर है लेकिन किसी मीडिया ने नहीं दिखाई, केवल एकमात्र राष्ट्रवादी चैनल सुदर्शन न्यूज चैनल ने ही इसका पर्दाफाश किया ।
सरकार बदलने और नोटबन्दी के बाद आज भी ईसाई मिशनरियां हिन्दुओं का धड़ल्ले से धर्म परिवर्तन करवा रही हैं, कब रोक लगेगी?
हिन्दू गलती से किसी अन्य धर्म में चला गया और उस हिन्दू को घरवापसी करवाते है तो मीडिया खूब हल्ला करने लगती है लेकिन जब हिंदुओं का खुल्ले आम धर्मपरिवर्तन करवाया जा रहा है वहाँ पर क्यों चुप्पी साधी है मीडिया ने ??
क्या मीडिया को वेटिकन सिटी से फंड मिल रहा है? जिससे वो उनके खिलाफ नहीं बोलती !!
ईसाई मिशनरियां द्वारा हमारे देश में खुल्ले आम भोली-भाली जनता को नौकरी, पैसा, दवाई की लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है। उनका उद्देश्य है कि हिन्दुस्तान को फिर से गुलाम बनाया जाये । इसलिए वो दिन-रात धर्मपरिवर्तन करवाने में लगे हैं उनको वेटिकन सिटी से पैसा मिलता है धर्मपरिवर्तन करवाने का ।
जो पादरी छोटे बच्चों के साथ कुकर्म करते हैं, बच्चियों के साथ बलात्कर करते हैं, गौ-मांस खाते हैं, मदिरापान करते हैं, वो दूसरों को कैसे पाप से मुक्त कर सकते हैं ?
जो खुद पापकर्म में लिप्त हैं ।
अतः देश की भोली-भाली जनता को सतर्क रहने की जरूरत है ऐसे धर्म में जाना अच्छा नही है जो खुद ही पतित हो ।
मीडिया केवल हिन्दू धर्म के साधु-संतों को ही बदनाम करती है लेकिन कुकर्मी पादरियों या मौलवी के लिए एक शब्द भी नही बोलती है इससे सिद्ध होता है कि वेटिकन सिटी और मुस्लिम देश से इनकी फंडिंग होती है जिससे उनके खिलाफ नही बोलकर पवित्र साधु-संतों के ऊपर कीचड़ उछालती है ।
वेटिकन सिटी का दुनिया भर में खरबों में बिजनेस चलता है, उनका एक ही उद्देश्य है कि भारत में भी धर्मपरिवर्तन के जरिये लोगों को गुमराह करके ईसाई धर्म को बढ़ावा देकर देश को गुलाम बनाया जाये।
अतः कुकर्म करने वाले पादरियों और उनके फंड से चलने वाली मीडिया से सावधान रहें ।
सरकार और न्यायालय को भी धर्मपरिवर्तन करने वालों के खिलाफ कड़क कानून बनाना चाहिए और बिकाऊ मीडिया पर लगाम कसनी चाहिए ।
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