20 मई 2020
पुराणों में हमने पढा था कि कोई साधु-संत हवन करते अथवा तप करते तो उनको राक्षस लोग आकर प्रताड़ित करते थे, विघ्न डालते थे, हड्डियां फेकते थे यहाँ तक कि उनकी हत्या भी कर देते थे अथवा कोई राक्षक राजा होता था तो उनको जेल में डालकर प्रताड़ित करता था, क्योंकि साधु-संतों द्वारा जो समाज सुधार का कार्य होता था वो राक्षकों को पसंद नही आता था। यह सिलसिला आज भी जारी है, आज भी साधु-संत गांव-गांव , नगर-नगर जाकर भारतीय संस्कृति का प्रचार करते है, लोगो को सन्मार्ग पर चलाते है, व्यसन, मांस आदि छुड़वाते हैं, क्लबो और फिल्मों में जाने से रोकते है समाज में जो भी कुरीतियां अथवा बुराइयां फैली है उनको दूर करते हैं और जो लोग धर्मान्तरण आदि करवाते है उनके खिलाफ डटकर मुकाबला करते हैं इसलिए राष्ट्र एवं भारतीय संस्कृति के विरोधी लोगो को यह रास नही आ रहा है जिसके कारण जैसे पहले राक्षक लोग साधु-संतों के साथ करते थे ऐसी ही प्रताड़ना आज भी साधु-संतों के साथ कर रहे हैं।
पंजाब में संत की निर्मम तरीके से हुई हत्या...
देश के अलग-अलग हिस्सों में एक के बाद एक संतों को निशाना बनाया जा रहा है। इस बार खबर पंजाब से आई है, जहां एक संत की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई।
खबरों के मुताबिक पंजाब के काठगढ़ थाना क्षेत्र में स्वराज माजदा फैक्ट्री के सामने नूरपुरबेदी स्थित डेरा ऋषि मुनि देशम आश्रम में रविवार (17 मई, 2020) को संत महा योगेश्वर महाराज का शव मिला। महात्मा के शव की पहचान नही हो पा रही थी, उनकी एक बाजू भी नही थी, महात्मा के बाल सिर से उखाड़े थे व सिर धड़ से अलग था उनका कमर तक शरीर खून से लथपथ था।
इसकी जानकारी उस समय हुई कि जब पनियाली कलाँ का रहने वाला एक शिष्य जगदीश लाल आश्रम में उनके लिए भोजन लेकर पहुँचा था।
जगदीश लाल के मुताबिक वह आश्रम में पहुँचा तो उसे आश्रम के अंदर से बदबू आ रही थी, उसने अंदर जाकर देखा तो कमरे में सारा सामान बिखरा हुआ था, जबकि संत महाराज का शव सड़ा हुआ जमीन पर पड़ा हुआ था। इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दी गई।
कुछ ही देर में सूचना पर थाना काठगढ़ की पुलिस मौके पर पहुँची गई। इसके बाद पहुँची फारेंसिक टीम ने मौके से सबूत एकत्रित किए। इसी के साथ पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं पुलिस ने संत के भाई दिनेश कुमार के बयानों के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। संत के भाई ने बताया कि लॉकडाउन और राज्य में लागू कर्फ्यू के कारण आश्रम पर श्रद्धालुओं का आवागमन बेहद कम हो गया था।
वहीं मामले को लेकर अब पुलिस जाँच में जुट गई है। पुलिस हत्या के पीछे आश्रम की भूमि पर कब्जे और उसमें चोरी की नीयत आदि पहलुओं को लेकर भी जाँच कर सकती है, क्योंकि आश्रम के पास तीन एकड़ की भूमि है।
थाना प्रभारी परमिंदर सिंह ने बताया कि संत का शव गल चुका था और यह कत्ल कुछ दिन पहले का हुआ था। लूटपाट से और दरवाजे की तोड़फोड़ से यह लुटेरों का काम लगता है। पुलिस ने संत के भाई के बयानों के आधार पर मामला दर्ज किया।
जानकारी के मुताबिक 85 वर्षीय संत अवधूत महायोगेश्वर पिछले 40 सालों से भी ज्यादा समय से इस आश्रम रह रहे थे, जो कि हिमाचल के जिला मंडी के सरकाघाट के रहने वाले थे। वह अग्नि अखाड़ा काली कमली वाले ऋषिकेश से जुड़े हुए थे।
आपको बता दें कि इससे पहले भी महाराष्ट्र के पालघर 16 अप्रैल, 2020 को 2 साधुओं सहित 3 लोगों की भीड़ द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस घटना का वीडियो 3 दिन बाद सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिसके बाद लोगों को सच्चाई पता चली थी।
संतों की मॉब लिंचिंग पर अखिल भारतीय संत समिति ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इसकी सीबीआई जाँच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश में भी दो साधुओं की हत्या की गई। कुछ इसी तरह अब पंजाब में एक संत की हत्या की घटना सामने आई है।
पालघर की खबर को जैसे छुपाया गया था ऐसे ही इस खबर को भी छुपाया जा रहा है? पालघर का 3 दिन बाद वीडियो वायरल हुआ फिर जनता को पता चला कुछ मीडिया तो लीपापोती करने लगी कि चोर समझकर मार दिया जबकि बाद में सच्चाई पता चली की वे संत हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे थे और सभी हिंदुओ को एक कर रहे थे और धर्मान्तरण पर रोक लगा रहे थे इसलिए हत्या हुई थी।
इन सबसे पता चलता है की भारत मे जिस तरह से ईसाई मिशनरियां धर्मान्तरण करवा रही हैं ओर नक्सलवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है और मीडिया उनके पक्ष लेकर खड़ी रहती है तथा हिंदू साधु-संतों को जिस तरह से बदनाम कर रही है इससे साफ पता चलता है कि भारतीय संस्कृति को तोड़ने के लिए कार्य को जोरो-शोरो से किया जा रहा है और उसके बचाने के लिए सबसे ज्यादा आगे साधु-संत आते हैं इसलिए वें सबसे ज्यादा टारगेट पर है क्योंकि वें आदिवासियों को जीवनोपयोगी सामग्री, मकान आदि देते है जिससे मिशनरियों के प्रभाव में वे लोग न आये और धर्मपरिवर्तन न करे, दूसरा जिनका धर्मपरिवर्तन हो चुका है उनकी घरवापसी करवाते है इन सभी कारणों से मिशनरियां और इस्लाम स्टेट चिढ़ते है और साधु संतों को झूठे केस में फंसाकर मीडिया से बदनाम करवाकर जेल भिजवाते है या हत्या कर देते है और आम जनता को साधुओं के खिलाफ करते है जिससे उनका काम आसानी हो सके और भारत की भोली जनता उनके बहकावे में आ जाये और निर्दोष लोगों की हत्या तक करने को तैयार हो जाये।https://bit.ly/2LNJsJK
अभी भी हिंदुओं के लिए समय है चेत जाए एकजुट होकर राष्ट्रवादी सरकार को वोट दे और बिकाऊ मीडिया का सोशल मीडिया पर पर्दाफाश करे और धर्मान्तरण पर रोक लगाकर साधु-संतों की रक्षा करे।
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