Saturday, January 5, 2019

जानिए आसाराम बापू ने देश में ऐसा क्या किया जिसके कारण जाना पड़ा जेल?

5 जनवरी  2019

🚩"भारत" नाम सुनते ही दो चीजें आंखों के सामने आती हैं एक तो भारत की सभ्यता और दूसरी भारत की सभ्यता बचाने वाले साधु-संत ।

🚩बात भी सहीं ही है भारत कितना भी आधुनिक क्यों न हो जाए अपने मूल से ही जाना जाएगा । पर क्या भारत पर हुए कई शासकीय अत्याचारों को भुलाया जा सकता है ? नहीं ना ! विभिन्न धर्मों के लोगों ने भारत को अपने रंग में, अपने मजहब में ढालने का पूरा प्रयत्न किया परंतु भारत के सनातन धर्म को आहत ना कर पाए, कितने-कितने देश-भक्त, धर्म-प्रेमी विधर्मियों के अत्याचार की बली चढ़ गए, पर भारत और भारत की वैदिक संस्कृति के परचम को हानि नहीं पहुंचाने दी बल्कि और भी बुलंद कर दिया ।
Know what Asaram Bapu did in the country due to which jail had to go?

🚩आज भी आधुनिकता की अंधी दौड़ में भारत में अगर स्थिरता बनी हुई है तो उसका सिर्फ एकमात्र कारण हैं वंदनीय साधु-संतों की उपस्थिति, इनके लोक-मांगल्य कार्यों और सांस्कृतिक आयोजनों की वजह से ही भारत में भारत की नींव "सनातन-संस्कृति और परोपकार" जीवित है । https://youtu.be/3r4Qn7NJwHY

🚩21वीं सदी के हिन्दू संत आसारामजी बापू, इनका नाम सुनते ही करोड़ों लोगों के चेहरे पर प्रसन्नता और आंखों में नमी आ जाती है । प्यार से देश-विदेश के वासी इन्हें बापू कहते हैं । भारत के अस्तित्व को बचाने के लिए जितना कार्य  इन्होंने किया है उतना शायद कोई सोच भी नहीं सकता । देश-विदेश के लोगों को हिन्दू धर्म से न सिर्फ अवगत कराया बल्कि इसकी महानता से भी ओत-प्रोत किया और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा किया ।  https://youtu.be/wmswegtRqus

🚩प्राणिमात्र के हितैषी नाम से जाने जानेवाले बापू आसारामजी का ह्रदय विशाल होने के साथ-साथ देश के कल्याण और मंगल के लिए द्रवीभूत भी रहता है । जब बापू आसारामजी ने देखा कि कई अत्याचारों से जूझ रहा भारत देश धीरे-धीरे अप्रत्यक्ष रूप से फिर से गुलाम बनाया जा रहा है और देशवासियों को भ्रष्ट कर अपनी संस्कृति से, अपनी प्रगति से दूर किया जा रहा है तब बापूजी ने ठाना कि देश से पतन-कारक विदेशी सभ्यता को निकाल फेंकना होगा और फिर भारत-वासियों को मिली सहीं राह ।

🚩बापू आसारामजी ने 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ पूजन दिवस, 25 दिसंबर को क्रिसमस की जगह तुलसी पूजन दिवस और 31 दिसंबर और 1 जनवरी को अंग्रेजी न्यू-ईयर की जगह भारत-विश्व-गुरु अभियान आयोजित किया । कई आदिवासी क्षेत्र, जिन तक सरकार भी नहीं पहुंच पाती है उन्हें समय-समय पर सहारा दिया और धर्म परिवर्तन से बचाया । हिंदुओं के पर्व पर विदेशी असर न हो इसलिए होली में केमिकल्स के कलर नहीं, नैसर्गिक रंग, पलाश के रंग से वैदिक होली और दीवाली पर प्रदूषण न हो इसीलिए अपने घर के साथ सभी स्थानों पर दीप-दान के महत्व को बताया ।https://youtu.be/xo1H7M3mkq8

🚩संत का अर्थ ही है परम हितैषी और बापू आसारामजी ने न सिर्फ खुद का जीवन सेवा में लगाया है बल्कि सभी देशवासियों को प्रेरित किया है सेवा के लिए लोक-हित के लिए, अपने मूल मंत्र "सबका मंगल सबका भला" के साथ ।

🚩14 फरवरी को वैलेंटाइन्स डे मनाकर जहां देश की युवा पीढ़ी अपना संयम और सदाचार खो रही थी और दुर्बल बन रही थी, अब वही युवा मना रहे हैं सच्चा और पवित्र-प्रेम दिवस अपने माता-पिता के साथ "मातृ-पितृ पूजन दिवस" के रूप में । जिससे युवानों को मिला उनके बड़े-बुजुर्गों के स्नेह के साथ-साथ संयम और सदाचार पालन करने का आशीष । साथ ही आधुनकिता की आड़ में बिखर रहे परिवार के लोगों को मिला एक दूसरे का साथ । कई परिवारों ने अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम के हवाले कर दिया था उन्होंने भी इस आयोजन से प्रभावित हो अपनी गलतीं सुधारी । युवानो का संयम और परिवार का साथ देश के लिए बहुत जरूरी है ये बात सिर्फ बापू आसारामजी ने आगे लाई । https://youtu.be/LrMcg10aWuk

🚩25 दिसंबर को जो लोग क्रिसमस मनाते हुए शराब पीकर रात्रि को हानिकारक धुनों पर थिरकते थे और न खाने जैसे पदार्थों सेवन कर पतन-कारक वातावरण में अपनी हानि करते थे ऐसे लोगों को जब बापू आसारामजी के सत्संगों से जागरूकता मिली तो सभी क्रिसमस की जगह "तुलसी पूजन दिवस" मनाने लगे । अगर कोई पौधा सबसे ज्यादा पूज्यनीय है इस धारा पर तो वो हैं हमारी तुलसी माँ, तो क्यों न इस दिन तुलसी माँ का ही श्रृंगार कर उनका पूजन करें । आखिर तुलसी जी को माँ यूँ ही नहीं कहा जाता, उनमें रोगप्रतिकारक शक्ति है । जैसे एक माँ अपने बच्चों को सभी हानियों से बचाती है वैसे ही माँ तुलसी हमारी रक्षक और पोषक हैं ये बात वैज्ञानिक तौर पर भी सिद्ध हो चुकी है । इस दिन बापू आसारामजी के कारण विश्व को मिला एक और उन्नति-कारक पर्व ! https://youtu.be/fLyjdDWm7E0

🚩31 दिसंबर और 1 जनवरी को विदेशी अंधानुकरण करते लोग जब अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे थे तब लोक-हितैषी बापू आसारामजी ने "भारत विश्वगुरु अभियान" को फैलाया ताकि देशवासियों की रक्षा हो सके और सभी को पतन से बचाया जा सके । 25 दिसंबर से 1 जनवरी विदेशी सभ्यता का अनुकरण करने से से बहुत हानि हुई है भारतीयों की, पर यही 8 दिन अगर वैदिक संस्कृति से मनाएं जाएं तो अवश्य न केवल पतन से बचाव होगा अपितु सर्वांगीण उन्नति और मंगल होगा ।

🚩इन 8 दिनों में :

तुलसी पूजन दिवस
गौ-गंगा-गायत्री जागृति यात्रा
सहज स्वस्थ व योग प्रशिक्षण
गीता-पाठ हवन कार्यक्रम
मंत्र-अनुष्ठान
सामूहिक सेवा
सत्संग आयोजन

आदि आयोजन होते हैं ताकि मानव, प्रकृति, प्राणी सभी का मंगल हो ! तन तंदरुस्त, मन प्रसन्न और बुद्धि में बुद्धिदाता का प्रसाद प्रगट हो ! और न आत्महत्या हो न गौ-हत्या हो और न ही यौवन-हत्या हो बल्कि आत्मविकास हो ! तुलसी, गौ, गंगा, देश की वैदिक संस्कृति, और सच्चे संतों को पूजा जाए और इनकी रक्षा की जाए, सेवा की जाए ! लोग ओजस्वी-तेजस्वी बनें और गीता-ज्ञान से मुक्तात्मा, महानात्मा बन अपने स्वरूप को जानें !https://www.facebook.com/SantShriAsharamJiBapu/videos/10153460984402669/

🚩आज बापू आसारामजी कारागृह में हैं तो सिर्फ इसी वजह से क्योंकि उन्होंने 50 वर्षों से भी अधिक समय देश और समाज के उत्थान और रक्षा में लगा दिए । बापू आसारामजी की वजह से भारत बार-बार विदेशी षड्यंत्रों से बचा और कई देशवासियों की धर्म-परिवर्तन से रक्षा हुई, कई विदेशी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की दाल नहीं गली और भटकते हुए देशवासियों को सहीं दिशा मिली । बापूजी के द्वारा किये जाने वाले ये सारे देश मांगल्य के कार्य देश को फिर से गुलाम बनने से रोक रहे हैं इसलिए राष्ट्र-विरोधी ताकतों के इशारे पर कुछ स्वार्थी नेताओं ने बापू आसारामजी के खिलाफ षड्यंत्र रच झूठे केस के जरिए देश और समाज से दूर किया । https://youtu.be/j1cCIdlT50c

🚩लेकिन वे स्वार्थी नेता समझते हैं कि बापू आसारामजी केवल एक शरीर हैं अब उन्हें कौन बताए कि जो करोड़ों हृदयों में वास करते हैं और जो सत्य के प्रतीक हैं वे सर्वव्याप्त हैं । जब इतने कुप्रचार के बाद भी सेवाएं और मंगल कार्य आदि आयोजन रुकने के बजाय और भी व्यापक हुए तब इन षड्यंत्रकारियों को मुंह की खानी पड़ी और इनके दलाल मीडिया की भी कई गलत और विरोधी खबरों के बावजूद, बापू आसारामजी के द्वारा हो रहे सेवाकार्यों पर आंच भी नहीं आयी । आखिर साँच को आंच नहीं और झूठ को पैर नहीं ! बापू आसारामजी का निर्मल पवित्र हृदय पहले भी सभी को लोकहित सेवा और आत्मज्ञान के प्रति प्रेरित कर रहा था और आज भी कर रहा है और वर्षों-वर्ष आगे भी प्रेरित करता रहेगा । 

🚩भारत का स्वर्णीम इतिहास था उसका "विश्वगुरु" होना । हम सभी ने भारत देश का इतिहास पढ़ा है और भारत माता की महिमा की गाथाएं सुनी हुई हैं । इतिहास के पन्नो में भारत को विश्व गुरु यानी की विश्व को पढ़ाने वाला अथवा पूरी दुनिया का शिक्षक कहा जाता था क्योंकि भारत देश के ऋषि-मुनि संत आदि ज्ञानीजन और उनका विज्ञान और अर्थव्यवस्था, राजनीति और यहाँ के लोगों का ज्ञान इतना समृद्ध था कि पूरब से लेकर पश्चिम तक सभी देश भारत के कायल थे । अब बापू आसारामजी की दूरदृष्टि के कारण और उनके अद्भुत अद्वैत अभियान के कारण भारत वास्तव में भीतर से बाहर तक विश्वगुरु बन कर रहेगा । 

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