Wednesday, January 2, 2019

केवल मासिक धर्म ही नहीं और भी कारण हैं सबरीमाला प्रवेश के, चल रही है साजिश

2 जनवरी  2019

🚩दुनिया में सबसे ज्यादा हिंदू अगर कहीं बचे हैं तो वे हैं भारत देश में, दुनिया में किसी भी देश में हिंदु सुरक्षित नहीं है, पाकिस्तान, बांगलादेश , अफगानिस्तान आदि देशों में तो हिंदू नर्क जैसा जीवन जी रहे हैं । 

🚩भारत में भले ही हिंदू बहुसंख्यक हो लेकिन उनको सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं दी जाती है, यहाँ तक ही अपने ही धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए टैक्स देना पड़ता है । हिन्दू देवी-देवताओं को गालियां दी जा रही है, मंदिरों से टैक्स वसूला जा रहा है, हिंदूओं का इतिहास गायब कर दिया गया, हिंदूओं का धर्मांतरण किया जा रहा है और उनके खिलाफ जो आवाज उठाते हैं, उन हिंदू कार्यकर्त्ताओं और हिंदू साधू-संतों की या तो हत्या कर दी जाती है या उन्हें झूठे केस में जेल भिजवाया जाता है ।

🚩अभी हाल ही में सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर जो विवाद चल रहा है, उसमें कोई भी हिंदू महिला प्रवेश के लिए तैयार नहीं है पर कुछ वामपंथी, मिशनरियां आदि विदेशी शक्तियां मंदिर की पवित्रता को खत्म करने के लिए एक षड्यंत्र कर रही हैं, मंदिर के कारण वहाँ के हिंदूओ में संयम बढ़ रहा है, ब्राह्मण, दलित सभी एकजुट हैं, जिसके कारण धर्मान्तरण का धंधा नहीं चल रहा था इन सभी कारणों को लेकर मंदिर में प्रवेश करवाने की साजिश चल रही है, नहीं तो किसी मुस्लिम महिला को मस्जिद में प्रवेश नहीं मिलता है तो उसके लिए किसी की आवाज नहीं उठ रही है ।
Not only menstruation, but also the reasons
 for entry into Sabarimala, the ongoing conspiracy

🚩पवित्र सबरीमाला के पावन इतिहास से जो लोग अभी अंजान हैं उनके लिए ही वहां की परम्पराओं पर सवाल उठाना अभिव्यक्ति की वो आज़ादी है जिसके पीछे कुछ लोग भारत में न जाने क्या-क्या बोल जाते हैं, लेकिन सनातन परम्परा में विश्वास करने वाले तमाम धार्मिक लोगों के लिए सबरीमाला का पावन इतिहास और उसका पौराणिक महत्व उनके पूर्वजों द्वारा दिया गया वो आशीर्वाद है जिसे वो सदियों से सहेज कर आये थे ।

🚩ज्ञात हो कि दक्षिण में जहाँ हिन्दुओं का श्रृंखलाबद्ध नरसंहार PFI जैसे समूहों पर करने का आरोप लग रहा है तो वहीं चौराहे पर गौ मांस काट कर खाना भी कुछ लोगों ने अपनी स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति बना ली है .. लेकिन हद तो तब हो गयी जब लोग उसके आगे बढ़ गये और पावन धाम सबरीमाला की उस परम्परा पर वार कर रहे हैं जो वहां के हिन्दुओं की एक प्रकार से अमिट निशानी के रूप में सदियों से स्थापित रहा है । ध्यान देने योग्य है कि दक्षिण के सबसे प्रसिद्ध हिन्दू शक्तिपीठों में से एक सबरीमाला भारत के प्रमुख हिंदू मंदिरों में एक है । पूरी दुनिया से लाखों श्रद्धालु आशीर्वाद लेने के लिए इस मंदिर परिसर में आते हैं ।

🚩सबरीमाला मंदिर में दर्शन को लेकर कई मान्यताएं हैं । कुछ के मुताबिक महिलाओं के पीरियड्स होने को अशुभ माना जाता है तो कई मान्यताओं के मुताबिक भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए बहुत ही पवित्र और कठिन पूजा करनी होती है । इस मन्दिर से जुड़ी पुरानी पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार, भगवान अयप्पा अविवाहित हैं । वे अपने भक्तों की प्रार्थनाओं पर पूरा ध्यान देना चाहते हैं । उन्होंने तब तक अविवाहित रहने का फैसला किया है जब तक उनके पास कन्नी स्वामी (यानी वे भक्त जो पहली बार सबरीमाला आते हैं) आना बंद नहीं कर देते ।” महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक की बात का पीरियड्स से कुछ भी लेना-देना नहीं है ।

🚩एक कथा यहाँ के हिन्दू समाज के हर घर में आज भी कही और सुनी जाती है । उसी धार्मिक कथा के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान भोलेनाथ भगवान विष्णु के मोहिनी रूप पर मोहित हो गए थे और इसी के प्रभाव से एक बच्चे का जन्म हुआ जिसे उन्होंने पंपा नदी के तट पर छोड़ दिया । इस दौरान राजा राजशेखर ने उन्हें 12 सालों तक पाला । बाद में अपनी माता के लिए शेरनी का दूध लाने जंगल गए अयप्पा ने राक्षसी महिषि का भी वध किया । पुराणों के अनुसार अयप्पा विष्णु और शिव के पुत्र हैं । यह किस्सा उनके अंदर की शक्तियों के मिलन को दिखाता है न कि दोनों के शारीरिक मिलन को । देवता अयप्पा में दोनों ही देवताओं का अंश है, जिसकी वजह से भक्तों के बीच उनका महत्व और बढ़ जाता है ।

🚩मंदिर में प्रवेश के लिए तीर्थयात्रियों को 18 पवित्र सीढ़ियां चढ़नी होती हैं । मंदिर की वेबसाइट के मुताबिक, इन 18 सीढ़ियों को चढ़ने की प्रक्रिया इतनी पवित्र है कि कोई भी तीर्थयात्री 41 दिनों का कठिन व्रत रखे बिना ऐसा नहीं कर सकता । श्रद्धालुओं को मंदिर जाने से पहले कुछ रस्में भी निभानी पड़ती हैं । सबरीमाला के तीर्थयात्री काले या नीले रंग के कपड़े पहनते हैं और जब तक यात्रा पूरी न हो जाए, उन्हें शेविंग की इजाजत भी नहीं होती । इस तीर्थयात्रा के दौरान वे अपने माथे पर चंदन का लेप भी लगाते हैं । माना जाता था कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे और जो महिलाएं रजस्वला होती हैं उन्हें मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होनी चाहिए । - स्त्रोत्र : सुदर्शन न्यूज़

🚩दुनिया के नक्शे से सनातन हिन्दू धर्म को मिटाने के लिए सदियों से षड्यंत्र चल रहा है जिसे रोकना बेहद जरूरी है । 

🚩भारत में 700 साल मुगलों ने राज किया और 200 साल अंग्रेजों ने राज किया तब से तो काफी हिंदू सेकुलर बन गए हैं, मानसिक गुलाम बन गए हैं अपने धर्म के प्रति जागरूक नहीं हो रहे हैं, भले अभी इनको यह बात समझ में न आये, लेकिन अभी नहीं समझे तो जब अल्पसंख्यक बन जायेंगे और उनपर कश्मीरी पंडितों की तरह भयंकर अत्यचार होंगे  तब समझ में आयेगा, बस इतना ही कहना है कि आग लगने से पहले कुआँ तैयार रखना चाहिए ।

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