Thursday, September 17, 2020

जान लीजिए रेप केस में कैसे निर्दोष पुरुषों को फँसाया जाता है, आप भी रहिये सावधान

17 सितंबर 2020


भारतीय संस्कृति में नारी को नारायणी कहा गया है, और परस्त्री को माता बहन बेटी समान बताया है, अपनी पत्नी के अलावा किसी भी महिला के प्रति बुरी नजर न रखना ये भारतीय संस्कृति है लेकिन , टीवी, सिनेमा, नॉवेल, अखबार, इंटरनेट आदि ने अश्लीलता दिखाकर महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदल दिया, महिला को एक भोग्या समझने लगे, समाज में विचारधारा बदलने पर रेप केस बढ़ने लगे और रेप बढ़ने के कारण कड़े कानून बनाये गये लेकिन उसके बाद भी बलात्कार की संख्या बढ़ती जा रही है क्योंकि भारतीय संस्कृति की उपेक्षा की जा रही है और पाश्चात्य संस्कृति अपना रहे हैं ये हाल होना स्वाभाविक है ।




अब चिंताजनक यह बात है कि जो वास्तव में दोषी है वे तो आराम से बाहर घूमते हैं और निर्दोष पुरुष इन केस में फँसाए जाते हैं जिसके कारण निर्दोष पुरुषों की जिंदगी बर्बाद हो रही है, ऐसे सैंकड़ों उदाहरण हैं । अभी एक ताजा उदाहरण आपको दे रहे हैं ।

पिछले साल दिसम्बर में उन्नाव में दर्ज गैंगरेप (Gangrape) के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है । पुलिस (Police) ने कहा है कि पीड़ित महिला ने अपने पिता और भाई पर झूठा आरोप लगाया था । जांच में खुलासा हुआ है कि शादी के 17 दिन बाद मां बनी महिला ने अपने गुनाहों को छिपाने के लिए पिता और भाई पर रेप और देह व्यापार में धकेलने का झूठा आरोप लगाया था । इतना ही नहीं, DNA टेस्ट में यह बात भी पता चली है कि बच्चा उसके प्रेमी का है । महिला ने यह बात कबूली है कि प्रेमी दिलीप के कहने पर ही आरोपी ने अपनों को झुठे मुकदमे में फंसाया था ।

दरअसल, पूरा मामला 29 दिसंबर 2019 का है जब लखनऊ के बंथरा में रहने वाली एक महिला ने तत्कालीन एसपी विक्रांतवीर के समक्ष पिता और सगे चचेरे भाई पर तीन वर्षों से रेप करने का आरोप लगाया था ।

देह व्यापर करवाने का भी आरोप लगाया गया था । इसके बाद 7 माह के गर्भ ठहरने की जानकारी पर आनन-फानन में 19 अप्रैल 2019 को उसकी शादी उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में करा दी गई थी । शादी के 17 दिन बाद 6 मई को प्रसव पीड़ा शुरू हुआ तो महिला को ससुरालियों को सच बताना पड़ा । इसके बाद आरोप लगाने वाली महिला को एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां उसने बेटे को जन्म दिया ।

पिता समेत 10 लोगों पर दर्ज हुआ था केस:

पीड़ि‍ता की शिकायत पर एसपी ने पिता समेत 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था । मंगलवार को मामले का खुलासा करते हुए महिला थाने के एसओ इन्द्रपाल सिंह सेंगर ने बताया कि शादी से दो साल पहले से ही महिला के लखनऊ के बंथरा निवासी दिलीप नाम के युवक से अवैध संबंध थे । इस बीच जब वह प्रेग्नेंट हो गई और जानकारी परिजनों को लगी तो उसकी शादी कर दी गई । बेटे को जन्म देने के बाद अपने गुनाह को छिपाने के लिए महिला ने प्रेमी के कहने पर पिता समेत अन्य लोगों को झूठे मुक़दमे में फंसाया । डीएनए जांच में भी यह बात पता चली है कि दिलीप ही बच्‍चे का पिता है । आरोपी महिला व उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है ।

आप देख सकते हैं ऐसे झूठे रेप के आरोप आपके ऊपर लगे तो आपकी स्थिति क्या होगी ? इज्जत, पैसे और समय सब बर्बाद हो जाएगा समाज मे मुँह दिखाने लायक भी रहेंगे । एक तरफा कानून के कारण कितने सज्जन पुरुषों की ज़िन्दगी दाँव पर लगी है ।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून जरूरी है परंतु आज साजिश या प्रतिरोध की भावनाओं से निर्दोष लोगों को फँसाने के लिए बलात्कार के कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है । राष्ट्रहित में काम करने वाले सुप्रतिष्ठित हस्तियों एवं संतों के खिलाफ इन कानूनों का राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है ।

जनता यह भी मांग कर रही है कि जैसे महिला आयोग है वैसे पुरुष आयोग भी होना चाहिए जिसके कारण रेप का झूठा आरोप लगाने वाली महिलाओं पर भी कार्यवाही होनी चाहिए और निर्दोष पुरुषों को न्याय मिलना चाहिए नहीं तो एक के बाद एक निर्दोष पुरुष फँसते जाएंगे ।

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