04 जून 2020
कोरोना संकट के बीच हरियाणा का मेवात एकदम से सुर्खियों में आ गया है। कारण है पूर्व जस्टिस पवन कुमार की अगुवाई वाली 4 सदस्यीय टीम की जाँच की रिपोर्ट। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मेवात धीरे-धीरे दलितों के लिए कब्रिस्तान बनता जा रहा है। जहाँ बच्चियों से रेप, महिलाओं का अपहरण, दलित पुरुषों से मारपीट, उनकी बेहरमी से हत्या और धर्मपरिवर्तन बेहद आम बात हो गई है।
पूर्व जस्टिस कुमार ने मेवात में दलितों की स्थिति एक बयान दिया था कि मेवात में इस समय दलितों की जो स्थिति है, वैसी तो शायद पाकिस्तान में जो हिंदू बचे हैं, उनकी भी स्थिति न हो। इस बयान का जिक्र उन घटनाओं के जिक्र से पहले इसलिए भी करवाया है ताकि हमें अंदाजा रहे कि पूर्व न्यायाधीश ने मेवात में पीड़ितों से मिलने के बाद और उनकी आपबीती जानने के बाद कौन सी अपराधिक मानसिकता वाले लोगों के ख़िलाफ़ ये बयान दिया था।
1.साल 2017 में हरियाणा का मेवात मॉडल स्कूल चर्चा में आया था। उस समय इस स्कूल पर आरोप लगा था कि यहाँ पर हिंदू छात्रों को धर्म परिवर्तन और नमाज पढ़ने के लिए दबाव बनाया जाता है। इतना ही नहीं, ऐसा करने से मना करने पर यहाँ पर छात्रों को मारने-पीटने का मामला भी सामने आया था। पूरे मुद्दे के तूल पकड़ने के बाद जिलाधिकारी ने टीचर मोइनुद्दीन और वार्डन आरिफ को सस्पेंड कर दिया था। वहीं एक अन्य अध्यापक का इस मामले के उजागर होने के बाद तबादला किया गया था।
स्कूल प्रशासन से जुड़े इन लोगों पर आरोप लगाने वाले एक पीड़ित छात्र ने इस संबंध में बताया था कि उसे नमाज पढ़ने के लिए मेवात मॉडल स्कूल के हॉस्टल में थप्पड़ खाने पड़े। वहीं उसके साथ अन्य दो लड़कों को भी ऐसा व्यवहार झेलना पड़ा।
2. साल 2018 में एक 16 साल की लड़की ने मेवात जिले के नूँह में आत्महत्या कर ली। पड़ताल हुई तो पता चला कि इस आत्महत्या से पहले 8 लड़कों ने उसका अपहरण करके कुछ दिन पहले रेप किया था। ऐसे घृणित कुकर्म को अंजाम देकर वह उसे खून से लथपथ हालात में उसके घर के बाहर छोड़ गए। पड़ताल में यह भी पता चला कि आरोपित गाँव के रसूखदार परिवार से थे। जिन्होंने रेप की शिकायत दर्ज होते ही पीड़िता के परिवार पर केस वापस लेने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था।
3. साल 2018 में ही मेवात के नगीना खंड गाँव मोहालका से दलित परिवार पर जानलेवा हमला करने की बात सामने आई थी। जाँच में मालूम चला था कि गाँव में रहने वाले किशन के परिवार पर इस्लाम नाम का युवक लंबे समय से धर्म परिवर्तन का दबाव डाल रहा था। लेकिन जब किशन के परिवार ने इससे इंकार किया तो इस्लाम, तौफीक, मोसिम, अतरु और असमीना ने उसके परिवार पर लाठी डंडों व सरिया से जानलेवा हमला कर दिया और जातिसूचक शब्दों से संबोधित कर उन्हें अपमानित भी किया।
4.ऐसे ही 2 साल पहले एक दलित लड़की के धर्म परिवर्तन, रेप, अपहरण का भी मामला आया था। जिसमें जाँच से मालूम हुआ था कि परिवार से नाराज होकर एक लड़की अपने घर से निकली और बाद में लापता हो गई। परिजनों ने उसकी गुमशुदा होने की रिपोर्ट भी कराई लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला, बाद में खोजबीन हुई तो पता चला कि एक फरजाना नाम की महिला उसे अपने साथ ले गई थी। यहाँ उसने लड़की को न केवल मुस्लिम नाम दे दिया था बल्कि कथित तौर पर उसे नमाज पढ़वाकर गौंमास भी खिलाया और बाद में इस्लाम नाम के व्यक्ति को 40 हजार में बेचने की कोशिश की। मगर बाद में परिस्थितियाँ ऐसी बनी कि मामला पुलिस तक पहुँचा और बच्ची ने दबाव में आकर सबकुछ बता दिया। ( रिपोर्ट के अनुसार घटना में पीड़िता मेवात की ही दलित थी और फरजाना उसे स्टेशन पर मिली थी। )
5.हरियाणा के मेवात में साल 2018 में ही एक नाबालिग से साथ दुष्कर्म की चौंकाने वाली घटना सामने आई थी। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो नूँह के भंडका में घटी इस घटना में पुलिस ने 14 वर्षीय लड़की के घर में घुसकर उसके साथ रेप करने के आरोप में असलम को गिरफ्तार किया था जबकि बाकी दोनों आरोपी उस समय तक पकड़ में नहीं आए थे। बच्ची के पिता ने बताया था कि उनकी बच्ची घर में सोई हुई थी तभी असलम और दो अन्य लड़के आए और मुँह में कपड़ा डालकर उसका रेप करने लगे। जब लड़की के पिता घर में आए तो उन्होंने असलम को रेप करते देखा और फिर शोर मचाकर उसे पकड़वा दिया।
6.साल 2019 में मेवात की जमीन पर लव जिहाद का मुद्दा चर्चाओं में आया था। इस दौरान मालूम चला था कि जेहाद के नाम पर एक महिला पर हमला हुआ। वहाँ दो मुस्लिम युवक आकिल खान और राशिद ने पहले लड़की का अपहरण किया फिर उसपर जादू-टोना करवाया और बाद में धर्म परिवर्तन करवा दिय़ा। इस घटना के सामने आने के बाद शहर में जगह-जगह तनाव बढ़ता दिखा था और प्रदर्शनकारियों ने गुरुग्राम अलवर नेशनल हाइवे को 11 घंटे तक जाम कर दिया था।
7. इसके बाद साल 2020 की फरवरी में मेवात के तावडू स्थित एक गाँव में एक शादीशुदा महिला के साथ कई महीनों तक गैंगरेप की घटना सामने आई थी। महिला ने दरिंदों के चंगुल से छूटने के बाद पाँच युवकों पर अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस दौरान पीडि़ता ने कहा था कि उसे नशीले पदार्थ देकर गैंगरेप होता था और विरोध करने से मारने की धमकी व अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकिया मिलती थीं।
8.कुछ समय पहले बकरी के साथ बलात्कार का मामला गर्माया था। ये कुकर्म भी हरियाणा की धरती पर स्थित मेवात के मरोधा गाँव में अंजाम दिया गया था जिसके बाद इस मामले के संबंध में जाफर खान और साहुकार खान की गिरफ्तारी हुई थी। जबकि रेप करने वाले कुल 8 लोग थे।
9.सबसे हाल का मामला देखिए, बीते दिनों हरियाणा के मेवात जिला स्थित पुन्हाना में मुक्तिधाम आश्रम के प्रमुख महंत रामदास महाराज के साथ मुस्लिम बहुल इलाके में कुछ लोगों द्वारा कथित तौर पर बदसलूकी, मारपीट और जान से मारने की नीयत से हमला करने का मामला सामने आया था। महंत के समर्थन में आए हिंदूवादी संगठनों ने ऑपइंडिया से बातचीत में बताया था कि बुधवार (अप्रैल 29, 2020) की सुबह महंत रामदास महाराज पर आरोपितों ने तथाकथित धार्मिक भावनाओं के आहत होने को निशाना बनाते हुए अभद्र धार्मिक टिप्पणियाँ की। साथ ही इलाके के सभी साधु-संतों को पुन्हाना से भगा देने की धमकी भी दी थी।
महंत रामदास महाराज जब इस हमले के बाद किसी तरह जान बचाकर पुलिस के पास पहुँचे तो पुलिस ने कथित तौर FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया। ऑपइंडिया ने इस मामले में जब पुलिस का पक्ष जानने की कोशिश की तो पुन्हाना थाना SHO ने इस मामले में किसी भी जानकारी के लिए हेडक्वार्टर से बात करने कहा था। उन्होंने कहा था कि उन्हें इस प्रकार की किसी घटना की जानकारी नहीं है।
मेवात को लेकर खड़ा हो रहा प्रश्न बहुत पुराना है
गौरतलब है कि कई हिंदूवादी संस्थाएँ अब तक हरियाणा के मेवात को लेकर प्रश्न खड़ा कर चुकी है। न केवल आरएसएस और विहिप के कार्यकर्ता इस संबंध में समय दर समय जानकारी साझा करते रहते हैं बल्कि कई अन्य संस्थाएँ भी मेवात में बढ़ते अरपराधों को व हिंदुओं-दलितों पर हो रहे अत्याचारों के ख़िलाफ़ मुखर होकर बोलना शुरू कर दिया है।
हिंदू जनजागृति समिति की साल 2013 की एक रिपोर्ट बताती है कि मेवात में घटित होने वाली ये घटनाएँ आज-कल की बात नहीं हैं बल्कि लंबे समय से यहाँ पर मुस्लिम बहुसंख्यक लोगों का यह रवैया बरकरार है जिसके कारण कई कार्यकर्ता इसे छोटे पाकिस्तान कहने पर मजबूर हुए।
दरअसल, 2013 की इस रिपोर्ट में है कि जिस प्रकार पाकिस्तान में हिंदुओं, दलितों को प्रताड़ित किया जाता है,वैसा ही मेवात में होता है। समिति के अनुसार, मेवात की स्थिति में और बांग्लादेश की स्थिति में कोई खासा अंतर नहीं है। बांग्लादेश में पहले 30% हिन्दू थे, लेकिन आज 8% हैं। इसी प्रकार मेवात में भी हिंदुओं की संख्या को उंगलियों पर गिना जा सकता है। वहीं मेवात में हिंदू लड़की का अपहरण, दलितों पर अत्याचार, श्मशान घाटों पर कब्जा आदि धड़ल्ले से हो रहे हैं।
समिति की सात साल पुरानी रिपोर्ट इस बात का उल्लेख करती है कि मेवात में तबलीगी जमात के लोग लोकल मुस्लिमों को लव जिहाद, जिहाद और धर्मांतरण के लिए उकसाते हैं। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में एक घटना का जिक्र है, जहाँ वीर सिंग अपने ससुर के मुस्लिम धर्म अपनाने पर बयान देते हुए बताते हैं कि उनके ससुर को कुछ समय पहले मुस्लिम बनाया गया और बाद में उन्हें 4 महीने के लिए बाहर भेज दिया गया। मगर, जब वह वापस लौटे तो उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया, जिसके कारण उन्हें जान से मारने की धमकियाँ मिलने लगीं।
हालत ये हो गई कि उन्हें छिपकर रहना पड़ा। लेकिन तब भी उनकी बीवी और बच्चो को परेशान किया जाता था। उनपर आरोप लगाया गया कि उन्होंने कुरान फाड़ी, जोकि बाद में गलत साबित हुआ। इसके अलावा जब उनकी बेटी की शादी होने लगी, तो कुछ मुस्लिम विवाह स्थल पर पहुँच गए और कहने लगे कि ये शादी नहीं होगी क्योंकि लड़की के पिता ने इस्लाम कबूल कर लिया है और अब इसकी शादी नहीं निकाह होगा, वो भी मुस्लिम के साथ। हालाँकि, बाद में लड़की की माँ ने इसपर बहुत आपत्ति जताई और अंत में पुलिस संरक्षण में विवाह संपन्न हो पाया।
इतना ही नहीं, इस रिपोर्ट में हिंदू लड़की के जबरन धर्म परिवर्तन पर बात करते हुए कहा गया कि मुस्लिम पुरुष हिंदू लड़की से शादी करता है तो लड़की का धर्मांतरण होता है। पर ऐसी ही स्थिति जब उलट होती है यानी हिंदू लड़का जब मुस्लिम लड़की से शादी करता है, तो उसपर मुस्लिम बहुल आबादी दबाव बनाती है कि उसे धर्म परिवर्तन करना पड़ेगा। जब लड़का दबाव को मानने से इंकार करता है तो उसपर हमला होता है।
उदाहरण के लिए नगीना में रहते हुए एक विशाल जैन नाम के लड़के को मुस्लिम लड़की से प्यार हुआ तो उसे वसीम अहमद बनवा दिया गया और उसके पिता को धमकी दी जाती रही। साथ हीं नगीना में हिंदुओं को ये कहकर धमकाया गया कि मुस्लिम लड़की के बदले हिंदू लड़की उठाई जाएगी। इस घटना से कई हिंदुओं ने अपनी बच्चियाँ स्कूल में भेजनी बंद कर दी थी।
बता दें, हिंदू जनजागृति समिति की रिपोर्ट मेवात को पाकिस्तान बनने से बचाओ और पवन कुमार की जाँच टीम द्वारा रिपोर्ट का निष्कर्ष इस बात को स्पष्ट करता है कि वहाँ पर मुस्लिम कट्टरपंथ का फैलाव बहुत पहले से है। बस फर्क ये है कि रिपोर्ट में मेवात में हिंदुओं के दमन की चर्चा है और पूर्व न्यायाधीश की जाँच रिपोर्ट में दलितों के दमन का उल्लेख है।
एक बार फिर से याद दिला दें कि ऑपइंडिया से बातचीत में पूर्व न्यायाधीश ने ये बात हालिया संदर्भ में बताई थी कि मेवात के 500 गाँवों में 103 गाँव हिंदूविहीन हो गए हैं और 84 गाँवों में 4-5 परिवार शेष है।
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