
भारत में एक ओर जहाँ प्राचीन मंदिर तोड़े जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विदेशो में बड़े-बड़े प्राचीन मंदिरों की अच्छी देखभाल की जा रही है और वहाँ लाखों लोग भी जाते हैं ।

भगवान शिवजी की महिमा अथाह है, पूरे विश्व में उनका यश फैला हुआ है, उसका प्रमाण यह है कि विदेशों में आज भी उनके अनेकों मंदिर हैं ।
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Shivaji's temple is also in Pakistan, California |

सावन में शिव भक्तों का शिवजी की आराधना के लिए मंदिरों में तांता लगा रहता है । सावन के इस पावन महीने में भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि सिर्फ भारत में ही नहीं दुनिया भर के कई देशों में शिव के मंदिर हैं, जहां सावन में उनकी पूजा का विधान है।

आइए हम आपको बताते हैं कि भारत के अलावा पूरी दुनिया में कहां-कहां शिव के मंदिर हैं ।

मुन्नेश्वरम मंदिर :-

श्रीलंका के मुन्नेश्वर गांव में बने इस मंदिर में, भगवान शिव की अराधना होती है । द्रविड़ शैली के अद्भुत नमूने के तौर पर इसे देखा जाता है । इतिहास की बात करें तो इसे रामाणय काल से जोड़ा जाता है, जिसमें कहा गया है कि भगवान राम ने, रावण का वध करने के बाद इसी मंदिर में, भगवान शिव की अराधना की थी । कहा जाता है कि पुर्तगालियों ने इस मंदिर पर दो बार हमला करके, नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी । यहां भगवान शिव के अलावा देवी काली की भी पूजा होती है । इसके अलावा 5 और भगवानों की मूर्ति स्थापित की गई है ।

अरुल्मिगु श्रीराजा कलिअम्मन मंदिर :-

ये मंदिर मलेशिया के जोहोर बरु में स्थित सबसे पुराना मंदिर है । जिस जमीन पर ये मंदिर बना है, उसे जोहोर बरु के सुल्तान ने भारत को भेंट के तौर पर दिया था । ये मंदिर इतना भव्य है कि इसकी दीवारों पर 3 लाख मोतियों को चिपकाया गया है । 1922 के आसपास इस मंदिर का निर्माण किया गया था ।

रामलिंगेश्वर मंदिर :-

मलेशिया की राजधानी क्वालालमपुर में एक और हिंदू मंदिर है, जोकि 2011 से वहां की एक ट्रस्ट चला रही है। यहां हमेशा ही शिवभक्तों का तांता लगा रहता है।

पशुपतिनाथ मंदिर :-

नेपाल के बागमती नदी के किनारे बने इस मंदिर के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं । मान्यता के अनुसार इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में बनाया गया था, लेकिन दीमक की वजह से इस मंदिर को बहुत नुकसान हुआ तथा इसे दोबारा 17वीं शताब्दी में बनाया गया । यूनेस्को ने इसे अपने वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल किया है । इस मंदिर में भगवान शिव की चार मुंह वाली मूर्ति लगी है । साथ ही मंदिर में चार द्वार हैं, जो चांदी के बने हुए हैं ।

प्रम्बानन मंदिर :-

इंडोनेशिया के जावा में भी भगवान शिव का एक प्रमुख मंदिर बना हुआ है, जोकि 10वीं शताब्दी में बना था । भारत से बाहर बने हिंदू मंदिरों में ये सबसे बड़े मंदिरों में से एक है । यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हैरटेज घोषित किया है ।

कटास राज मंदिर :-

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में प्राचीन शिव मंदिर है । इसे काटस राज मंदिर के नाम से जाना जाता है । कहा जाता है कि इसका निर्माण छठी शताब्दी से लेकर नौवीं शताब्दी के मध्य हुआ था । ये चकवाल गांव से 40 किमी दूर कटास की पहाड़ियों पर बना हुआ है । मान्यता है कि इस मंदिर में विराजमान एक कुंड है, जिसके निर्माण के विषय में कहा जाता है कि जब माता सती की मृत्यु हुई थी, उसके बाद भगवान शिव इतना रोए थे कि उनके आंसुओं से ये कुंड भर गया था ।

कैलाश मानसरोवर :-

तिब्बत के मानसरोवर झील से घिरा हुआ कैलाश पर्वत, जोकि चीन की सरहद के अंदर आता है । कहा जाता है कि यहां साक्षात भगवान शिव विराजमान हैं । इससे जुड़ी कई पौराणिक कहानियां हैं । भारत से हर साल लोग इसके दर्शन के लिए जाते हैं ।

इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के मेलबार्न में, न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में, कैलिफोर्निया के लिवेरमोरे में और स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में, भगवान की शिव का छोटा लेकिन भव्य मंदिर बना हुआ है ।

आपको जनकारी दे दें कि विदेशों में मंदिर होना कोई आश्चर्य नही है क्योंकि पहले भारत का साम्राज्य पूरे पृथ्वी पर था, लेकिन कुछ उपद्रवी तथा राक्षसी स्वभाव के लोग उत्पन्न हुए और उन्होंने आपस मे लड़ना-झगड़ना शुरू किया, तबसे ही बंटवारा चालू है ।

आपको ये भी बता दें कि सनातन धर्म (हिन्दू धर्म), जबसे पृथ्वी का उद्गम हुआ है, तबसे है, लेकिन ईसाई धर्म की स्थापना 2018 साल पहले और मुस्लिम धर्म की स्थापना 1500 साल पहले की गई है, और ईसा पूर्व 6वीं शताब्दी में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई है ।

हिन्दू धर्म सनातन धर्म है इसलिए पूरे विश्व में कहीं भी खुदाई होती है, तो हिन्दू भगवानों के मूर्ति के अवशेष ही मिलते हैं, कभी कहीं चर्च या मस्जिद के अवशेष नहीं मिलेंगे ।

महान सनातन धर्म को तोड़ने की साजिश ईसाई मिशनरियां, मीडिया, बॉलीवुड, सेकुलर नेताओं द्वारा आज भी चल रहा है, इसलिए सावधान रहें और ऐसी महान संस्कृति की रक्षा करें ।

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