Friday, March 16, 2018

दिव्य भारतीय चैत्री नूतनवर्ष कैसे मनाये ? जानिए उपयोगी बातें

March 16, 2018

🚩भारतीय नववर्ष का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही माना जाता है और इसी दिन से ग्रहों, वारों, मासों और संवत्सरों का प्रारंभ गणितीय और खगोल शास्त्रीय संगणना के अनुसार माना जाता है। इस साल 18 मार्च 2018 से नूतनवर्ष प्रारंभ होगा ।

How to celebrate the new year of divine
Indian chaitra? Know useful things
🚩चैत्र नूतन वर्ष का प्रारम्भ आनंद-उल्लासमय हो इस हेतु प्रकृति माता भी सुंदर भूमिका बना देती है । चैत्र ही एक ऐसा महीना है, जिसमें वृक्ष तथा लताएँ पल्लवित व पुष्पित होती हैं।

🚩अंग्रेजी नूतन वर्ष में शराब-कबाब, व्यसन, दुराचार करते हैं लेकिन भारतीय नूतन वर्ष संयम, हर्षोल्लास से मनाया जाता है । जिससे देश में सुख, सौहार्द, स्वास्थ्य, शांति से जन-समाज का जीवन मंगलमय हो जाता है ।

🚩 इस साल 18 मार्च को नूतन वर्ष मनाना है, भारतीय संस्कृति की दिव्यता को घर-घर पहुँचाना है ।

🚩हम भारतीय नूतन वर्ष व्यक्तिगतरूप और सामूहिक रूप से भी मना सकते हैं ।

🚩कैसे मनाये ? 

🚩1 - भारतीय नूतनवर्ष के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर #स्नान करें । संभव हो तो चर्मरोगों से बचने के लिए तिल का तेल लगाकर स्नान करें ।

🚩2 - नववर्षारंभ पर पुरुष #धोती-कुर्ता / पजामा, तथा स्त्रियां नौ गज/छह गज की साडी पहनें ।

🚩3 - मस्तक पर #तिलक करके भारतीय नववर्ष का स्वागत करें ।

🚩4 - सूर्योदय के समय भगवान #सूर्यनारायण को #अर्घ्य देकर भारतीय नववर्ष का स्वागत करें ।

🚩5 - सुबह सूर्योदय के समय #शंखध्वनि करके भारतीय नववर्ष का स्वागत करें ।

🚩6 - हिन्दू नववर्षारंभ दिन की शुभकामनाएं हस्तांदोलन (हैंडशेक) कर नहीं, नमस्कार कर स्वभाषा में दें ।

🚩7 -  #भारतीय_नूतनवर्ष के प्रथम दिन ऋतु संबंधित रोगों से बचने के लिए नीम, कालीमिर्च, मिश्री या नमक से युक्त चटनी बनाकर खुद खाये और दूसरों को खिलायें ।

🚩8 - #मठ-मंदिरों, #आश्रमों आदि धार्मिक स्थलों पर, घर, गाँव, स्कूल, #कॉलेज, सोसायटी, अपने दुकान, कार्यालयों तथा शहर के मुख्य प्रवेश द्वारों पर भगवा #ध्वजा फहराकर भारतीय नववर्ष का स्वागत करें  और बंदनवार या तोरण (अशोक, आम, पीपल, नीम आदि का) बाँध के भारतीय नववर्ष का स्वागत करें । हमारे ऋषि-मुनियों का कहना है कि बंदनवार के नीचे से जो व्यक्ति गुजरता है उसकी  ऋतु-परिवर्तन से होनेवाले संबंधित रोगों से रक्षा होती है ।  पहले राजा लोग अपनी प्रजाओं के साथ सामूहिक रूप से गुजरते थे ।

🚩9 - भारतीय नूतन वर्ष के दिन सामूहिक #भजन-संकीर्तन व प्रभातफेरी का आयोजन करें ।

🚩10 - भारतीय संस्कृति तथा गुरु-ज्ञान से, महापुरुषों के ज्ञान से सभी का जीवन उन्नत हो ।’ – इस प्रकार एक-दूसरे को #बधाई संदेश देकर नववर्ष का स्वागत करें । एस.एम.एस. भी भेजें ।

🚩11 - अपनी गरिमामयी संस्कृति की रक्षा हेतु अपने मित्रों-संबंधियों को इस पावन अवसर की स्मृति दिलाने के लिए आप बधाई-पत्र भेज सकते हैं । #दूरभाष करते समय उपरोक्त सत्संकल्प दोहरायें । 

🚩12 - #ई-मेल, #ट्विटर, #फेसबुक, #व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया के माध्यम से भी बधाई देकर लोगों को प्रोत्साहित करें ।

🚩13 - नूतन वर्ष से जुड़े #ऐतिहासिक प्रसंगों की झाकियाँ, फ्लैक्स भी लगाकर प्रचार कर सकते हैं ।

🚩14  - सभी तरह के #राजनितिक, #सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक संगठनों से संपर्क करके सामूहिक रुप से सभा आदि के द्वारा भी नववर्ष का स्वागत कर सकते हैं ।

🚩15 - नववर्ष संबंधित #पेम्पलेट बाँटकर, न्यूज पेपरों में डालकर भी समाज तक संदेश पहुँचा सकते हैं ।

🚩सभी भारतवासियों को प्रार्थना हैं कि रैली के द्वारा #कलेक्टर, #मुख्यमंत्री, #प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति को भी भारतीय नववर्ष को सरकार के द्वारा सामूहिक रूप में मनाने हेतु ज्ञापन दें और व्यक्तिगत रूप में भी पत्र लिखें । 

🚩सैकड़ों वर्षों के विदेशी आक्रमणों के बावजूद अपनी सनातन संस्कृति आज भी विश्व के लिए आदर्श बनी है । परंतु पश्चिमी कल्चर के प्रभाव से भारतीय पर्वों का विकृतिकरण होते देखा जा रहा है । भारतीय संस्कृति की रक्षा एवं संवर्धन के लिए भारतीय पर्वो को बड़ी विशालता से जरूर मनाए ।

🚩यश, कीर्ति ,विजय, सुख समृद्धि हेतु घर के ऊपर झंडा या ध्वज पताका लगाये ।

🚩हमारे शास्त्रो में झंडा या पताका लगाने का विधान है । #पताका यश, कीर्ति, विजय , घर में सुख समृद्धि , #शान्ति एवं पराक्रम का प्रतीक है। जिस जगह पताका या झंडा फहरता है उसके वेग से नकरात्मक उर्जा दूर चली जाती है ।

🚩हिन्दू समाज में अगर सभी घरों में स्वास्तिक या ॐ लगा हुआ #झंडा फहरेगा तो #हिन्दू समाज का यश, कीर्ति, विजय एवं पराक्रम दूर दूर तक फैलेगा ।

🚩इसीलिए पहले के जमाने में जब युद्ध में या किसी अन्य कार्य में विजय प्राप्त होती थी तो #ध्वजा #फहराई जाती थी। ध्वजा का जहां सनातन धर्म में विशेष महत्व एवं आस्था रही है वहीं ध्वज की छत्र छाया में हो रहे पर्यावरण की शुद्धिकरण से सभी को लाभ मिलेगा।  

🚩शास्त्रों में भी ध्वजारोहण का विशेष महत्व बताया गया है #झंडे या #पताका आयताकार या तिकोना होता है ।  जो भवनों, मंदिरों, आदि पर फहराया जाता है ।

🚩घर पर ध्वजा लगाने से #नकारात्मक ऊर्जा का नाश तो होता ही है साथ ही घर को बुरी नजर भी नहीं लगती है। घर पर किसी भी प्रकार की बाहरी हवा नहीं लगती है। घर में भूत, प्रेत आदि का प्रवेश नहीं होता । ध्वजा पर हनुमान जी का स्थान होता है, स्वयं #हनुमान जी सम्पूर्ण प्रकार से घर की, घर के सम्पूर्ण सदस्यों की रक्षा करते हैं । सभी प्रकार के #अनिष्टों से बचा जा सकता है ।

🚩सभी #हिन्दू घरों में वायव्य कोण यानि उत्तर पश्चिम दिशा में झंडा या #ध्वजा जरूर लगाना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उत्तर-पश्चिम कोण यानि वायव्य कोण में राहु का निवास माना गया है। ध्वजा या झंडा लगाने से घर में रहने वाले सदस्यों के रोग, शोक व दोष का नाश होता है और घर में सुख व समृद्धि बढ़ती है।

🚩अतः सभी हिन्दू घरों में #पीले, #सिंदूरी, #लाल या #केसरिया रंग के कपड़े पर #स्वास्तिक या #ॐ लगा हुआ #झंडा अवश्य लगाना चाहिए । मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति मंदिर के ऊपर लहराता हुआ झंडा देखे तो कई प्रकार के रोग का शमन हो जाता है ।

🚩अतः भारतीय #नववर्ष मंगलवार 18 मार्च 2018 से पहले अपने घर पर ध्वज पताका अवश्य लगाए ।

🚩आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.!!

🚩‘नववर्षारंभ’ त्यौहार आनंद के साथ मनाये और अपनी संस्कृति की रक्षा करेंगे प्रण करें।

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