Wednesday, August 30, 2017

39 महिलाओं से रेप करने वाला बलात्कारी मौलवी हुआ गिरफ्तार, मीडिया ने साधी चुप्पी

39 महिलाओं से रेप करने वाला बलात्कारी मौलवी हुआ गिरफ्तार, मीडिया ने साधी चुप्पी

अगस्त 30, 2017

मीडिया द्वारा केवल हिन्दू साधु-संतों को ही टारगेट किया जा रहा है, उनके खिलाफ नई-नई झूठी कहानियाँ बनाकर जनता में इस तरह से परोसा जा रहा है कि बस दुनिया मे केवल अपराधी हैं तो वो हिन्दू संत ही हैं । एक आतंकवादी की तरह हिन्दू संत की छवि को समाज के सामने लाया जा रहा है पर उसके पीछे छिपी सच्चाई किसी तक नहीं पहुँचाई जाती ।
Add caption

 दूसरी ओर जब ईसाई पादरी या मुस्लिम धर्मगुरु पर ऐसे आरोप सिद्ध भी हो जाते हैं तो भी हमारे देश की मीडिया चुप्पी साध लेती है, 

आखिर क्यों सिर्फ हिन्दू साधु संतों और हिन्दू कार्यकर्ताओं से जुड़ी खबरों को ही तूल दिया जाता है..???

इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण है जिससे अधिकांश भारतवासी अनजान हैं ।

मैकाले ने कहा था कि मैं ऐसी शिक्षा प्रणाली डालकर जाऊंगा कि जो भारतीय संस्कृति को खत्म कर देगा और आज वो प्रत्यक्ष देखने को मिल रहा है ।

 अधिकतर मीडिया विदेशी फंड से चलती है उनका उद्देश्य है कि हिन्दू धर्म को विश्व में बदनाम करना । इसलिए सबसे पहला प्रहार हिंदुओं के आस्था के केंद्रों पर हुआ । हमारे धर्म गुरुओं की न्यूज को जितना आज मिर्च मसाला लगाकर उछाला जाता है क्या कभी आपने देखा कि किसी दूसरी कौम पर मीडिया ने इतनी टिपण्णियां की हों..???


जवाब सबका एक होगा...(नहीं..)


तो इसके पीछे का बहुत बड़ा कारण है हिन्दू धर्म की जडें खोखली करना । हिंदुओं के मन में अपने धर्म गुरुओं के प्रति नफरत भरना, जिससे धर्मांतरण का कार्य सुगमता से हो सकें ।

अब सवाल उठता है कि हम मीडिया की बातें नहीं माने पर हिन्दू साधु-संतों ने देश को बर्बाद कर दिया, उन्होंने इतनी सम्पत्ति क्यों इकट्ठी की ??

तो उसका जवाब है कि पहले ऋषि मुनियों के आश्रम के पास इतनी संपत्ति रहती थी कि राजाओं को भी मदद करते थे । अगर उनके पास धन नही होगा तो आश्रमवासी का पालन कैसे करेंगे..??
 समाज का कार्य कैसे करेंगे..???

साधु-संतों के पास सम्पति सबको दिखती है पर उनके द्वारा उस सम्पति से कितने गरीबों की मदद हो रही है,कितने आदिवासियों को धर्मान्तरण से बचाया जा रहा है, आकाल,बाढ़ पीड़ितों,भूकम्प आदि में उनके आश्रमों द्वारा कितने सेवाकार्य होते हैं, उस पर किसी की दृष्टि नहीं जाती । 

आज साधु संतों के आश्रम है तभी आज करोड़ों की संख्या में जनता वहां जाकर ईश्वरीय शांति, ईश्वरीय आनंद का अनुभव कर पाती है। 
अगर साधु संतों के आश्रम नहीं हो तो मनुष्य एक मशीन की तरह हो जायेगा। संत के पास अगर सम्पति है तो वो समाज हित में ही उपयोग होती है ।


पहले हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता था । लेकिन विदेशी आक्रमणकारियों मुगल एवं अंग्रेज इसे लूट कर ले गए और बाकी नेताओं ने अरबो-खबरों का घोटाला करके देश को लूट लिया । 

तीसरा सवाल है कि :-

आजकल के हिन्दू साधु-संत पहले जैसे नहीं हैं तो वे भी इस गलतफहमी में न रहे । 

आप स्वयं सोचे!
कि आज का मनुष्य बिना चमत्कार के नमस्कार किसी को नहीं करता । अगर किसी के करोड़ों समर्थक हैं तो उसके पीछे कोई न कोई तो कारण होगा ही । ऐसे तो कोई किसी को नहीं मानता ।


 विदेशी ताकतों द्वारा चलायी जा रही मीडिया की पोलपट्टी जब तक हम नहीं समझेंगे तब तक मीडिया हमें यूँ ही भ्रमित करता रहेगा ।

 बॉलीवुड में भी आजकल हिन्दू साधू संतों को गलत बताया जा रहा है जिससे हमारे दिमाग में फिट हो जाये कि अगर कोई हिन्दू साधु संत है तो वह अवश्य ही खराब है ।

 हमारे पाठकों से हमारा अनुरोध है कि मीडिया की बातों में न आकर स्वयं सच्चाई तक पहुँचने का प्रयास करें ।


कई हिंदूवादी राष्ट्रवादी कहलाने वाले लोग जो कि राजनीति का हिस्सा है, और कहीं न कहीं उनको भी कुछ गलतफहमी हो जाती है या कोई राजनीति पार्टी से प्रेरित भी ऐसा करते हैं । कई बड़े-बड़े हिन्दू संगठन राजनीतिक फायदे के लिए और अपना संगठन बड़ा करने के लिए भी साधु-संतों के खिलाफ षडयंत्र में शामिल होते हैं ।


कुछ लोग जो कान्वेंट स्कूलों में पढ़े हैं । ऐसा हो सकता है कि वो हमारी बातों से सहमत न हो लेकिन अपने पाठकों तक सच पहुचाना हमारा कर्तव्य बनता है ।

आप गौर करेंगे..
तो आप देखेंगे कि मीडिया कभी भी संतो के अच्छे कार्य,देश धर्म और संस्कृति के लिए उनके किये गए सेवाकार्य नहीं दिखाती ।

उनके लाखों करोड़ों पढ़े-लिखे समर्थकों के अनुभव नहीं बताती कि आखिर क्यों वो मीडिया के इतना बदनाम करने के बावजूद भी संत से जुड़ें हैं ।
कभी दिखायेगी तो भी उन्हें अंधश्रद्धालु के रूप में ।


अब आते हैं मौलाना की खबर पर :-

पुलिस ने मौलाना आफताब को गिरफ्तार किया है ये एक इनामी शातिर अपराधी आफताब उर्फ नाटे था जो पिछले 32 साल से पुलिस और आम जनता की आंखों में धूल झोंककर मौलवी के रूप में छुपकर घूम रहा था। 

यही नहीं, इस दौरान इसने ट्रिपल तलाक की पीड़ित मुस्लिम महिलाओं का हलाला के नाम पर यौन शोषण भी किया। 

आफताब उर्फ नाटे पर इलाहाबाद पुलिस ने 12 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। एसपी सिटी सिद्धार्थ शंकर मीणा के मुताबिक नाटे 1985 से फरार चल रहा था। "नाटे नाम बदलकर मौलाना करीम के नाम से घूम रहा था। वो मुंबई, सूरत, अजमेर शरीफ और फर्रुखाबाद जैसे शहरों की मस्जिदों और दरगाहों में छिपता फिर रहा था।" नाटे दरगाहों में आने वाले श्रद्धालुओं से कहता था कि मैं तांत्रिक हूँ, भूत-प्रेत की बाधा दूर कर सकता हूँ। ऐसा बोलकर वो लोगों से पैसे ऐंठता और उन्हें आफताब गंडा और ताबीज बनाकर देता।

एसपी सिटी के मुताबिक नाटे खुद को हलाला निकाह एक्सपर्ट भी बताता था।  "उसने पूछताछ के दौरान झांसा देकर 39 महिलाओं का हलाला करवाने की बात कबूल की है। उसने लोगों को धोखा तो दिया ही, साथ ही लाखों रुपए भी ऐंठे।"

इस धोखेबाजी के बिजनेस के लिए उसने अपना नेटवर्क तैयार किया था। 33 सालों में उसने खुद को सिद्ध मौलाना बताकर दर्जन से ज्यादा शागिर्दों की टीम बनाई थी। ये शागिर्द उसके तंत्र मंत्र की विद्या का प्रचार प्रसार करते थे। मौलाना करीम के नाम से ही वह सारे गलत कार्य करता था, लेकिन कहीं पर भी उसने अपना कोई ID प्रूफ नहीं बनवाया था।

पुलिस से बचने के लिए वह महीने-15 दिन में सिम कार्ड चेंज कर देता था। गोपनीय तरीके से फैमिली से कॉन्टेक्ट में रहता था। जब पुलिस ने फैमिली से पूछताछ की तो उन्होंने उसके बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी देने से मना कर दिया था। परिवार का कहना था कि नाटे से उनका कोई संबंध नहीं है, क्योंकि वह उन पर तेजाब फेंक कर घर से भागा था और तब से वापस नहीं लौटा। पुलिस ने लगातार उनका नंबर सर्विलांस पर रखा और नाटे की लोकेशन का पता लगाया।

गिरफ्तार होने के बाद नाटे ने बताया, "मैं इलाहाबाद के शाहगंज थाना क्षेत्र में रहता था। 1981 में मौहल्ले के लड़के मोहम्मद अजमत ने मेरी भांजी से छेड़खानी की थी। उसकी हरकत ने मेरे अंदर इतना गुस्सा भर दिया कि मैंने बदला लेने की ठान ली।" "मैं अजमत के पास पहुंचा और उसे वहीं गोली से उड़ा दिया। पुलिस ने मुझे गिरफ्तार किया और दो साल बाद 1983 में मुझे जिला कोर्ट ने ताउम्र कारावास की सजा सुनाई।"  "मैंने सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल की और दो साल बाद 1985 में मुझे जमानत भी मिल गई। जेल से बाहर आते ही मैं शहर से भाग गया।"

26 एनकाउंटर कर चुके इंस्पेक्टर अनिरुद्ध सिंह ने बताया, "हमने एक महीने पहले इसकी तलाश तेज की। 15 दिन पहले खबर मिली कि आफताब उर्फ नाटे कौशांबी एक प्रोग्राम में आ रहा है। हम वहां पहुंचे थे, लेकिन वो चकमा दे कर निकल गया।" "हमने उसके फैमिली मेंबर्स का फोन सर्विलांस पर रखा था, जिससे हमें पुराने साथी नवाब के बारे में पता चला। हमने उसे दबोचा। पहले उसने नाटक किया, फिर हमारी सख्ती के बाद उसने नाटे की डीटेल्स बताईं।" "नवाब ने बताया- नाटे पीर बाबा की मजार पर एक मेंटल आदमी की झाड़-फूंक करने आया था। वही फैमिली उसका नंबर देगी।"

अब इस पर मीडिया कोई बहस नही करेगी क्योंकि
इस मामले का हिन्दू धर्म से लेना देना नही है ।

साध्वी प्रज्ञा,स्वामी असीमानंद की मीडिया ने खूब बदनामी की लेकिन निर्दोष साबित हुए तो चुप्पी साध ली ऐसे ही हिन्दू संत आसाराम बापू के लिए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मैंने पूरा केस पढ़ा है, केस फर्जी है , धर्मपरिवर्तन में रुकावट बनने के कारण सोनिया गांधी ने जेल भिजवाया था और अभी राजनीति के कारण उनको जमानत नहीं मिल पा रही है लेकिन उनको फंसाने के कई सबूत मिले हैं पर मीडिया केवल एक तरफा बताकर जनता को गुमराह कर रही है ।

अतः विदेशी फंड से चलने वाली मीडिया से हर हिंदुस्तानी सावधान रहें नही तो आपस में भिड़कर विदेशियों के हाथ में सत्ता चली जायेगी ।

No comments: