Thursday, August 31, 2017

करोड़ो लोग 31 अगस्त को ब्लेक डे के रूप में मना रहे है, कवि ने लिख दी कविता

🚩 *करोड़ो लोग 31 अगस्त को ब्लेक डे के रूप में मना रहे है, कवि ने लिख दी कविता*

अगस्त 31, 2017

🚩चार साल पहले #31 अगस्त 2013 को ठीक रात 12:00 बजे #सोनिया गांधी के #इशारे पर #हिन्दू संत बापू आसारामजी की #गिरफ्तारी हुई थी ।
31 AUGUST 2017 BLACKDAY, asaram bapu

🚩उसके बाद उनके करोड़ो अनुयायियों ने उनको न्याय दिलाने के लिए देश-विदेश में शांतिपूर्वक #रैलियां निकाली, #धरना प्रदर्शन किया, #संत सम्मेलन किये, ट्वीटर पर अनेकों #ट्रेंड चलाये ।
🚩दिग्गज #डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने भी केस संभाला लेकिन 4 साल होने पर भी उनको #जमानत #नहीं मिलने पर आखिर डॉ सुब्रमण्यम स्वामी को कहना पड़ा कि #केस पूरा #बोगस है, उनको निर्दोष बरी करना पड़ेगा, वसुंधरा के डरपोक होने के कारण उनको जमानत नही मिल रही है, इसलिए आज भी उनके करोड़ो अनुयायी #BlackDay_31अगस्त के रूप में मना रहे हैं ।

🚩4 साल से जमानत नहीं मिलने पर एक कवि ने उनकी जीवनी पर बनाई कविता,जिसकी पक्तियाँ कुछ इस प्रकार हैं...

🚩धरा वसुंधरा जब-जब हुई पाप से तितर-बितर।
तब-तब संतुलन के लिए,अवतरित हुए संत धरती पर॥

🚩कलयुग में भी जब पाप और अत्याचार गहराया।
हुए अवतरित आशारामजी बापू, माँ वसुंधरा का मन हर्षाया॥

🚩अद्भुत तेजस्वी बाल्यावस्था में, युवावस्था में मन वैरागी।
साधना में उच्च अवस्था, ईशप्राप्ति की तृष्णा जागी॥

🚩छोड़ा घर ज्ञान की खोज में, ईश्वर ने रस्ता दिखा दिया।
देख सच्ची तड़प याचक की, पूर्ण गुरू से मिला दिया॥

🚩मिले गुरू #लीलाशाह महाराज जी, हुई उनकी करूणा अपार।
मिटा अज्ञान हुआ निज ज्ञान, हो गया आत्मसाक्षात्कार॥

🚩अहमदाबाद साबरमती किनारे, करवाया आश्रम का निर्माण।
बन गया ये अध्यात्म का केंद्र, जिसका नहीं संभव बखान॥

🚩मानवता की निस्वार्थ सेवा को, बनाया जीवन का आधार।
#ऋषि प्रसाद, #लोक कल्याण सेतु द्वारा,किया ज्ञान का प्रचार॥

🚩अपने जीवन के 50 साल, समाज सेवा में लगा दिए।
बाटा आध्यात्मिक ज्ञान, लोगों के दुख दर्द मिटा दिए॥

🚩#योग और #आयुर्वेद को, नए आयाम पर पहुँचा दिया।
हिन्दुत्व की पताका का, लोहा पूरे विश्व से मनवा दिया॥

🚩#महिला #सशक्तिकरण के लिए,करवाया #महिला मंडल निर्माण।
गौशालाएं बनवाई गौरक्षा हेतु, गौमाता को दिया सम्मान।।

🚩संत का ह्दय करूणा का सागर, सबको ये बता दिया।
#गरीबों और #आदिवासियों की, #सेवा करके ये जता दिया॥

🚩प्राकृतिक #आपदा द्वारा,जब प्रकृति ने किया प्रहार।
#राहत बचाव #कार्यों द्वारा, किया लोगों का #उद्धार॥

🚩#धर्मांतरण के गौरखधंधे का,जब बापूजी को हुआ बोध।
#ईसाई मिशनरियों के इस #कुकर्म का,किया खुलकर #विरोध॥

🚩गरीब और #भटके हुए #लोग, #वापस #हिन्दू बनाए।
तब ये ईसाई मिशनरियों के, निशाने पर आए॥

🚩#31 अगस्त 2013 का दिन, जब मानवता हुई शर्मसार।
हिन्दू संस्कृति पर किया, षड़यंत्रकारियों ने बड़ा प्रहार॥

🚩महिला सशक्तिकरण करने वाले संत पर, बलात्कार का आरोप।
गिरे हुए है षड़यंत्रकारी, झेलेंगे ईश्वर का प्रकोप॥

🚩ना सबूत झूठे आरोप, POCSO कानून का गलत उपयोग।
करोड़ों साधक सत्संग से वंचित, झेल रहे गुरू वियोग॥

🚩81 वर्षीय संत को, #वृद्धावस्था में जेल की #प्रताड़ना।
#जमानत भी #नहीं मिल रही, लोगों में भी बनी गलत धारणा॥

🚩पर बापूजी ने तो जेल को ही, जेलाश्रम बना दिया।
जहाँ है संत वही है स्वर्ग, #षड़यंत्रकारियों को जता दिया॥

🚩देख षड़यंत्रकारियों एक दिन, हर जगह बापूजी का ही जलवा होगा।
हिन्दुत्व की होगी जय-जयकार, आसमान का रंग भी भगवा होगा॥ 
🚩- कवि सुरेन्द्र कुमार जी

🚩आज ट्वीटर पर भी उनके अनुयायी न्याय की मांग करते हुए #BlackDay_31अगस्त ट्रेंड चला रहे हैं ।

🚩आपको बता दें कि बापू आशारामजी को षड्यंत्र में फँसाये जाने के अनेकों प्रमाण सामने आये हैं –

🚩1) आरोप लगानेवाली लड़की की मेडिकल जाँच करनेवाली #डॉ. शैलेजा वर्मा ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि “लड़की के शरीर पर #रत्तीभर भी #खरोंच के निशान #नहीं थे और न ही प्रतिरोध के कोई निशान थे ।” 

🚩2) प्रसिद्ध न्यायविद् डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने केस अध्ययन कर बताया कि ‘‘लड़की के #फोन रिकॉर्ड्स से पता लगा कि जिस समय पर वह कहती है कि वह कुटिया में थी, उस समय वह वहाँ थी ही नहीं ! बापूजी पर #‘पॉक्सो एक्ट’ लगवाने हेतु एक #झूठा #सर्टिफिकेट निकाल के दिखा दिया गया कि वह 18 साल से कम उम्र की है । यह #केस तो तुरंत #रद्द होना चाहिए ।’’

🚩3) पुलिस द्वारा दर्ज आरोप-पत्र में मुख्य गवाह सुधा पटेल ने उसके नाम पर लिखे गये बयान को झूठा एवं मनगढ़ंत बताते हुए न्यायालय में कहा कि आज से पहले न मैं कभी जोधपुर आयी और न कभी कहीं बयान दिये थे । मुझे पता नहीं है कि पुलिसवालों ने मेरे हस्ताक्षर किस बात के करवाये थे ।

🚩4) बापू आशारामजी पर #आरोप लगानेवाली सूरत की #महिला ने गांधीनगर कोर्ट में एक अर्जी डालकर बताया कि उसने #बयान #डर और #भय के कारण दिया था । अब वह केस का सत्य #उजागर करना चाहती है ।

🚩इतने सबूत होने के बावजूद भी आज तक निर्दोष संत #आसारामजी बापू को #न्याय से #वंचित रखा गया।

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Wednesday, August 30, 2017

39 महिलाओं से रेप करने वाला बलात्कारी मौलवी हुआ गिरफ्तार, मीडिया ने साधी चुप्पी

39 महिलाओं से रेप करने वाला बलात्कारी मौलवी हुआ गिरफ्तार, मीडिया ने साधी चुप्पी

अगस्त 30, 2017

मीडिया द्वारा केवल हिन्दू साधु-संतों को ही टारगेट किया जा रहा है, उनके खिलाफ नई-नई झूठी कहानियाँ बनाकर जनता में इस तरह से परोसा जा रहा है कि बस दुनिया मे केवल अपराधी हैं तो वो हिन्दू संत ही हैं । एक आतंकवादी की तरह हिन्दू संत की छवि को समाज के सामने लाया जा रहा है पर उसके पीछे छिपी सच्चाई किसी तक नहीं पहुँचाई जाती ।
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 दूसरी ओर जब ईसाई पादरी या मुस्लिम धर्मगुरु पर ऐसे आरोप सिद्ध भी हो जाते हैं तो भी हमारे देश की मीडिया चुप्पी साध लेती है, 

आखिर क्यों सिर्फ हिन्दू साधु संतों और हिन्दू कार्यकर्ताओं से जुड़ी खबरों को ही तूल दिया जाता है..???

इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण है जिससे अधिकांश भारतवासी अनजान हैं ।

मैकाले ने कहा था कि मैं ऐसी शिक्षा प्रणाली डालकर जाऊंगा कि जो भारतीय संस्कृति को खत्म कर देगा और आज वो प्रत्यक्ष देखने को मिल रहा है ।

 अधिकतर मीडिया विदेशी फंड से चलती है उनका उद्देश्य है कि हिन्दू धर्म को विश्व में बदनाम करना । इसलिए सबसे पहला प्रहार हिंदुओं के आस्था के केंद्रों पर हुआ । हमारे धर्म गुरुओं की न्यूज को जितना आज मिर्च मसाला लगाकर उछाला जाता है क्या कभी आपने देखा कि किसी दूसरी कौम पर मीडिया ने इतनी टिपण्णियां की हों..???


जवाब सबका एक होगा...(नहीं..)


तो इसके पीछे का बहुत बड़ा कारण है हिन्दू धर्म की जडें खोखली करना । हिंदुओं के मन में अपने धर्म गुरुओं के प्रति नफरत भरना, जिससे धर्मांतरण का कार्य सुगमता से हो सकें ।

अब सवाल उठता है कि हम मीडिया की बातें नहीं माने पर हिन्दू साधु-संतों ने देश को बर्बाद कर दिया, उन्होंने इतनी सम्पत्ति क्यों इकट्ठी की ??

तो उसका जवाब है कि पहले ऋषि मुनियों के आश्रम के पास इतनी संपत्ति रहती थी कि राजाओं को भी मदद करते थे । अगर उनके पास धन नही होगा तो आश्रमवासी का पालन कैसे करेंगे..??
 समाज का कार्य कैसे करेंगे..???

साधु-संतों के पास सम्पति सबको दिखती है पर उनके द्वारा उस सम्पति से कितने गरीबों की मदद हो रही है,कितने आदिवासियों को धर्मान्तरण से बचाया जा रहा है, आकाल,बाढ़ पीड़ितों,भूकम्प आदि में उनके आश्रमों द्वारा कितने सेवाकार्य होते हैं, उस पर किसी की दृष्टि नहीं जाती । 

आज साधु संतों के आश्रम है तभी आज करोड़ों की संख्या में जनता वहां जाकर ईश्वरीय शांति, ईश्वरीय आनंद का अनुभव कर पाती है। 
अगर साधु संतों के आश्रम नहीं हो तो मनुष्य एक मशीन की तरह हो जायेगा। संत के पास अगर सम्पति है तो वो समाज हित में ही उपयोग होती है ।


पहले हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता था । लेकिन विदेशी आक्रमणकारियों मुगल एवं अंग्रेज इसे लूट कर ले गए और बाकी नेताओं ने अरबो-खबरों का घोटाला करके देश को लूट लिया । 

तीसरा सवाल है कि :-

आजकल के हिन्दू साधु-संत पहले जैसे नहीं हैं तो वे भी इस गलतफहमी में न रहे । 

आप स्वयं सोचे!
कि आज का मनुष्य बिना चमत्कार के नमस्कार किसी को नहीं करता । अगर किसी के करोड़ों समर्थक हैं तो उसके पीछे कोई न कोई तो कारण होगा ही । ऐसे तो कोई किसी को नहीं मानता ।


 विदेशी ताकतों द्वारा चलायी जा रही मीडिया की पोलपट्टी जब तक हम नहीं समझेंगे तब तक मीडिया हमें यूँ ही भ्रमित करता रहेगा ।

 बॉलीवुड में भी आजकल हिन्दू साधू संतों को गलत बताया जा रहा है जिससे हमारे दिमाग में फिट हो जाये कि अगर कोई हिन्दू साधु संत है तो वह अवश्य ही खराब है ।

 हमारे पाठकों से हमारा अनुरोध है कि मीडिया की बातों में न आकर स्वयं सच्चाई तक पहुँचने का प्रयास करें ।


कई हिंदूवादी राष्ट्रवादी कहलाने वाले लोग जो कि राजनीति का हिस्सा है, और कहीं न कहीं उनको भी कुछ गलतफहमी हो जाती है या कोई राजनीति पार्टी से प्रेरित भी ऐसा करते हैं । कई बड़े-बड़े हिन्दू संगठन राजनीतिक फायदे के लिए और अपना संगठन बड़ा करने के लिए भी साधु-संतों के खिलाफ षडयंत्र में शामिल होते हैं ।


कुछ लोग जो कान्वेंट स्कूलों में पढ़े हैं । ऐसा हो सकता है कि वो हमारी बातों से सहमत न हो लेकिन अपने पाठकों तक सच पहुचाना हमारा कर्तव्य बनता है ।

आप गौर करेंगे..
तो आप देखेंगे कि मीडिया कभी भी संतो के अच्छे कार्य,देश धर्म और संस्कृति के लिए उनके किये गए सेवाकार्य नहीं दिखाती ।

उनके लाखों करोड़ों पढ़े-लिखे समर्थकों के अनुभव नहीं बताती कि आखिर क्यों वो मीडिया के इतना बदनाम करने के बावजूद भी संत से जुड़ें हैं ।
कभी दिखायेगी तो भी उन्हें अंधश्रद्धालु के रूप में ।


अब आते हैं मौलाना की खबर पर :-

पुलिस ने मौलाना आफताब को गिरफ्तार किया है ये एक इनामी शातिर अपराधी आफताब उर्फ नाटे था जो पिछले 32 साल से पुलिस और आम जनता की आंखों में धूल झोंककर मौलवी के रूप में छुपकर घूम रहा था। 

यही नहीं, इस दौरान इसने ट्रिपल तलाक की पीड़ित मुस्लिम महिलाओं का हलाला के नाम पर यौन शोषण भी किया। 

आफताब उर्फ नाटे पर इलाहाबाद पुलिस ने 12 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। एसपी सिटी सिद्धार्थ शंकर मीणा के मुताबिक नाटे 1985 से फरार चल रहा था। "नाटे नाम बदलकर मौलाना करीम के नाम से घूम रहा था। वो मुंबई, सूरत, अजमेर शरीफ और फर्रुखाबाद जैसे शहरों की मस्जिदों और दरगाहों में छिपता फिर रहा था।" नाटे दरगाहों में आने वाले श्रद्धालुओं से कहता था कि मैं तांत्रिक हूँ, भूत-प्रेत की बाधा दूर कर सकता हूँ। ऐसा बोलकर वो लोगों से पैसे ऐंठता और उन्हें आफताब गंडा और ताबीज बनाकर देता।

एसपी सिटी के मुताबिक नाटे खुद को हलाला निकाह एक्सपर्ट भी बताता था।  "उसने पूछताछ के दौरान झांसा देकर 39 महिलाओं का हलाला करवाने की बात कबूल की है। उसने लोगों को धोखा तो दिया ही, साथ ही लाखों रुपए भी ऐंठे।"

इस धोखेबाजी के बिजनेस के लिए उसने अपना नेटवर्क तैयार किया था। 33 सालों में उसने खुद को सिद्ध मौलाना बताकर दर्जन से ज्यादा शागिर्दों की टीम बनाई थी। ये शागिर्द उसके तंत्र मंत्र की विद्या का प्रचार प्रसार करते थे। मौलाना करीम के नाम से ही वह सारे गलत कार्य करता था, लेकिन कहीं पर भी उसने अपना कोई ID प्रूफ नहीं बनवाया था।

पुलिस से बचने के लिए वह महीने-15 दिन में सिम कार्ड चेंज कर देता था। गोपनीय तरीके से फैमिली से कॉन्टेक्ट में रहता था। जब पुलिस ने फैमिली से पूछताछ की तो उन्होंने उसके बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी देने से मना कर दिया था। परिवार का कहना था कि नाटे से उनका कोई संबंध नहीं है, क्योंकि वह उन पर तेजाब फेंक कर घर से भागा था और तब से वापस नहीं लौटा। पुलिस ने लगातार उनका नंबर सर्विलांस पर रखा और नाटे की लोकेशन का पता लगाया।

गिरफ्तार होने के बाद नाटे ने बताया, "मैं इलाहाबाद के शाहगंज थाना क्षेत्र में रहता था। 1981 में मौहल्ले के लड़के मोहम्मद अजमत ने मेरी भांजी से छेड़खानी की थी। उसकी हरकत ने मेरे अंदर इतना गुस्सा भर दिया कि मैंने बदला लेने की ठान ली।" "मैं अजमत के पास पहुंचा और उसे वहीं गोली से उड़ा दिया। पुलिस ने मुझे गिरफ्तार किया और दो साल बाद 1983 में मुझे जिला कोर्ट ने ताउम्र कारावास की सजा सुनाई।"  "मैंने सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल की और दो साल बाद 1985 में मुझे जमानत भी मिल गई। जेल से बाहर आते ही मैं शहर से भाग गया।"

26 एनकाउंटर कर चुके इंस्पेक्टर अनिरुद्ध सिंह ने बताया, "हमने एक महीने पहले इसकी तलाश तेज की। 15 दिन पहले खबर मिली कि आफताब उर्फ नाटे कौशांबी एक प्रोग्राम में आ रहा है। हम वहां पहुंचे थे, लेकिन वो चकमा दे कर निकल गया।" "हमने उसके फैमिली मेंबर्स का फोन सर्विलांस पर रखा था, जिससे हमें पुराने साथी नवाब के बारे में पता चला। हमने उसे दबोचा। पहले उसने नाटक किया, फिर हमारी सख्ती के बाद उसने नाटे की डीटेल्स बताईं।" "नवाब ने बताया- नाटे पीर बाबा की मजार पर एक मेंटल आदमी की झाड़-फूंक करने आया था। वही फैमिली उसका नंबर देगी।"

अब इस पर मीडिया कोई बहस नही करेगी क्योंकि
इस मामले का हिन्दू धर्म से लेना देना नही है ।

साध्वी प्रज्ञा,स्वामी असीमानंद की मीडिया ने खूब बदनामी की लेकिन निर्दोष साबित हुए तो चुप्पी साध ली ऐसे ही हिन्दू संत आसाराम बापू के लिए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मैंने पूरा केस पढ़ा है, केस फर्जी है , धर्मपरिवर्तन में रुकावट बनने के कारण सोनिया गांधी ने जेल भिजवाया था और अभी राजनीति के कारण उनको जमानत नहीं मिल पा रही है लेकिन उनको फंसाने के कई सबूत मिले हैं पर मीडिया केवल एक तरफा बताकर जनता को गुमराह कर रही है ।

अतः विदेशी फंड से चलने वाली मीडिया से हर हिंदुस्तानी सावधान रहें नही तो आपस में भिड़कर विदेशियों के हाथ में सत्ता चली जायेगी ।

Tuesday, August 29, 2017

संत आसारामजी बापू की तुलना किसी से करना गलत : नरसिंहानंद जी महाराज

बाबा राम रहीम से ज्यादा मीडिया जिम्मेदार है, संत आसारामजी बापू की तुलना किसी से करना गलत :
नरसिंहानंद जी महाराज
अगस्त 29, 2017


asaram bapu- narsimhanand ji maharaj sudarshan news

सुदर्शन न्यूज चैनल के बिंदास बोल में चैनल के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके और अखिल भारतीय संत समाज के राष्ट्रीय संयोजक व सिद्ध पीठ प्रचंड देवी मंदिर डासना के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की आप में चर्चा की गई ।
सुरेश चव्हाणके : भावनाओं को ,आस्थाओं को प्रतिक्रियाओं को देख,इसमे जो अच्छे लोग हैं वो भी पीछे जा रहे हैं, नरसिंहानंद जी महाराज जिस प्रकार से कुछ ऐसे लोग जब धर्म को, आस्था को बदनाम करते हैं तो उसके बाद में जो अच्छे लोग हैं उन पर भी सवाल या निशान पैदा होते हैं ।
नरसिंहानंद जी महाराज : अभी जैसे एक बहन ने हिन्दू संत आशारामजी बापू की तुलना दूसरे से की, लेकिन देखिये जिस केस में आशारामजी बापू फंसे हैं, वो केस फेंक है, वो केस झूठा है, फर्जी है ये मैं गारेंटी के साथ यहाँ बैठ कर कह देना चाहता हूँ और एक षड्यन्त्र के तहत बापूजी को फंसाया गया था और ये षड्यन्त्र किसने बुना है ये सब लोग जानते हैं  ।
लेकिन सबसे बड़ी खास बात यह है कि हिन्दू कल तक कोई नही बोल रहा था । कोई रामरहीम के बारे में टिप्पणी नहीं कर रहा था । आज सारे बाबाओं को संत आशारामजी बापू के साथ लगा दिया गया।
कल को एक महिला खड़ी हो जाएगी हम पर आरोप लगा देगी फिर हमें भी इनके साथ घसीट लिया जायेगा, सबसे पहले इस सिस्टम को देखना पड़ेगा कि हमारी सिस्टम में कहाँ  कमी आ गयी?
पहले तो हमारी महिलाओं को हमारी बहन बेटियों को ये बात समझना पड़ेगा।
आज सारे हिन्दू समाज के अंदर संतो के प्रति एक विचसना पैदा की जा रही है, ये विचसना हो नही रही है विचसना पैदा की जा रही है और इसका जो ये बाबा रामरहीम जैसे लोग हैं ये इसका कारण बन रहे हैं, लेकिन सबको इनके साथ पीसना सही नहीं है। आसारामजी बापू की राह अब और कठिन हो गयी है, उन्हें जमानत मिल सकती थी, लेकिन उनको सबके साथ घसीट कर विदेशी षड्यन्त्रकारी और भारत में रहने वाले जिहाद्दी और जो क्रिश्चन चर्च के लोग हैं इन्हें बल मिलेगा कि सारे हिन्दू ऐसे होते हैं ।
मीडिया जो पिछले 3 दिन से इस माहौल को बना रहा है, रामरहीम से ज्यादा दोषी मीडिया के वो लोग हैं जो पूरे हिंदुस्तान को एक तरह से सिविल वॉर की आग में झोंक देना चाहते हैं,ये जो कुछ हुआ वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
सुरेश चव्हाणके : महाराज जी, यही मीडिया हिंदुस्तान के बाबा की कल तक इंटरव्यू ले रहा था, उनके इंटरव्यू लेने के लिए उनके यहां पर एजेंसिया लगा रहा था, उनके विज्ञापन चला रहा था, उनके फिल्म्स के अनिमशन्स ले रहा था, यही मीडिया कल तक मेहमनमन्दित कर रहा था आज एकदम उल्टी भूमिका में है ।
नरसिंहानंद जी महाराज : देखिये ये मीडिया का तो क्या है ये तो इस देश में मजाक हो रहा है, आज इस देश में जो मीडिया वाले हैं उनकी न तो धर्म में आस्था है न देश में आस्था है न इस मिट्टी में आस्था है। उन्होंने सारी चीजों को मजाक बना दिया है और ये जो बबाल हुआ है इसके लिए राम रहीम से ज्यादा जिम्मेदार या गैरजिम्मेदार मीडिया है जिसने इसे इतना भयंकर तूल दिया है, यदि इसे इतनी भयंकर तूल न दी जाती, इस मामले की, बाबा रामरहीम को सीधा जेल भेज दिया जाता तो ये मामला नहीं उठता।
ये इतना दुर्भाग्यपूर्ण मामला है और ये मै रामरहीम का बचाव  नही कर रहा हूँ लेकिन इसमें मुझे लगता है सब मामला षड्यंत्रकारियों से मिला हुआ है।

Monday, August 28, 2017

समाज को गुमराह करने वाले लोग संतों का ओज, प्रभाव, यश देखकर जलते रहते हैं*

🚩 *समाज को गुमराह करने वाले लोग संतों का ओज, प्रभाव, यश देखकर जलते रहते हैं*

🚩इस संसार में सज्जनों, सत्पुरुषों और संतों को जितना सहन करना पड़ता है उतना दुष्टों को नहीं। ऐसा मालूम होता है कि इस संसार ने सत्य और सत्त्व को संघर्ष में लाने का मानो ठेका ले रखा है। यदि ऐसा न होता तो #मीरा बाई को #विष नही दिया जाता, #गुरु नानक देव को #जेल नही भेजा जाता, #स्वामी दयानंद सरस्वती को #जहर नही दिया जाता और #लक्ष्मणानन्द महाराज की #हत्या नही होती ।
#jUSTICE FOR ASARAM BAPUJI

🚩#स्वामी विवेकानन्द की तेजस्वी और अद्वितिय प्रतिभा के कारण कुछ लोग #ईर्ष्या से जलने लगे। कुछ दुष्टों ने उनके कमरे में एक वेश्या को भेजा। #श्री रामकृष्ण परमहंस को भी #बदनाम करने के लिए ऐसा ही #घृणित प्रयोग किया गया, किन्तु उन वेश्याओं ने तुरन्त ही बाहर निकल कर दुष्टों की बुरी तरह खबर ली और दोनों संत विकास के पथ पर आगे बढ़े। शिर्डीवाले #साँईबाबा, जिन्हें आज भी लाखों लोग नवाजते हैं, उनके हयातिकाल में उन पर भी दुष्टों ने कम जुल्म न किये। उन्हें भी अनेकानेक #षडयन्त्रों का #शिकार बनाया गया लेकिन वे निर्दोष संत निश्चिंत ही रहे।

🚩पैठण के #एकनाथ जी महाराज पर भी दुनिया वालों ने बहुत #आरोप-प्रत्यारोप गढ़े लेकिन उनकी विलक्षण मानसिकता को तनिक भी आघात न पहुँचा अपितु प्रभुभक्ति में मस्त रहने वाले इन संत ने हँसते-खेलते सब कुछ सह लिया। #संत तुकाराम महाराज को तो बाल मुंडन करवाकर गधे पर उल्टा बिठाकर जूते और चप्पल का हार पहनाकर पूरे गाँव में घुमाया, #बेइज्जती की एवं न कहने योग्य कार्य किया। #ऋषि दयानन्द के ओज-तेज को न सहने वालों ने बाईस बार उनको जहर देने का #बीभत्स कृत्य किया और अन्ततः वे नराधम इस घोर पातक कर्म में सफल तो हुए लेकिन अपनी सातों पीढ़ियों को नरकगामी बनाने वाले हुए।

🚩हरि गुरु निन्दक दादुर होई।
जन्म सहस्र पाव तन सोई।।

🚩ऐसे #दुष्ट #दुर्जनों को हजारों जन्म #मेंढक की योनि में लेने पड़ते हैं। ऋषि दयानन्द का तो आज भी आदर के साथ स्मरण किया जाता है लेकिन संतजन के वे हत्यारे व पापी निन्दक किन-किन नरकों की पीड़ा सह रहे होंगे यह तो ईश्वर ही जाने।

🚩#समाज को #गुमराह करने वाले #संतद्रोही लोग संतों का ओज, प्रभाव, यश देखकर अकारण #जलते पचते रहते हैं क्योंकि उनका स्वभाव ही ऐसा है। जिन्होंने संतों को सुधारने का ठेका ले रखा है उनके जीवन की गहराई में देखोगे तो कितनी दुष्टता भरी हुई है!अन्यथा #सुकरात, #जीसस, #ज्ञानेश्वर, #रामकृष्ण, #रमण महर्षि, #नानक और #कबीर जैसे संतों को कलंकित करने का पाप ही वे क्यों मोल लेते? ऐसे लोग उस समय में ही थे ऐसी बात नहीं, आज भी मिला करेंगे।

🚩कदाचित् इसीलिए विवेकानन्द ने कहा थाः "जो अंधकार से टकराता है वह खुद तो टकराता ही रहता है, अपने साथ वह दूसरों को भी अँधेरे कुएँ में ढकेलने का प्रयत्न करता है। उसमें जो जागता है वह बच जाता है, दूसरे सभी गड्डे में गिर पड़ते हैं।

🚩इस संसार का कोई विचित्र रवैया है, रिवाज प्रतीत होता है कि इसका अज्ञान-अँधकार मिटाने के लिए जो अपने आपको जलाकर प्रकाश देता है, संसार की आँधियाँ उस प्रकाश को बुझाने के लिए दौड़ पड़ती हैं। टीका, टिप्पणी, निन्दा, गलच चर्चाएँ और अन्यायी व्यवहार की आँधी चारों ओर से उस पर टूट पड़ती है।

🚩सत्पुरुषों की स्वस्थता ऐसी विलक्षण होती है कि इन सभी बवंडरों (चक्रवातों) का प्रभाव उन पर नहीं पड़ता। जिस प्रकार सच्चे सोने को किसी भी आग की भट्ठी का डर नहीं होता उसी प्रकार संतजन भी संसार के ऐसे कुव्यवहारों से नहीं डरते। लेकिन उन संतों के प्रशंसकों, स्वजनों, मित्रों, भक्तों और सेवकों को इन अधम व्यवहारों से बहुत दुःख होता है।

🚩#आज के युग मे सबसे अधिक #गुमराह करने का काम करी है तो वे है #मीडिया, मीडिया #कलोकल्पित #कहानियां बनाकर जनता में इस तरह की पिरोस रही है कि सज्जन लोग भी उसकी बातों में आकर संतों-महापुरुषों को गलत बोल देते है, अतः उनके भक्त दुःखी, चिंतित नही होकर समाज तक सच्चाई पहुँचाये, एक न एक दिन #सच सामने आयेगा और #झूठी खबरों की #पोल खुल जायेगी ।

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