Tuesday, March 2, 2021

अंडे के ऐसे नुकसान जो आपके पहुंचा देंगे बिस्तर पर, भूलकर भी ना करें सेवन

03 मार्च 2021


टीवी चैनलों में विज्ञापन देखकर कुछ लोग अपने शारीरिक विकास के लिए अंडे को सबसे फायदेमंद आहार मानकर सेवन करते हैं। अंडे के तथाकथित फायदों की तो आपने लंबी लिस्ट देखी ही होगी, लेकिन आज हम आपको अंडे के सेहत पर पड़ने वाले ऐसे नुकसानों के बारे में बताने जा हैं जिन्हें जानने के बाद आप अंडो की तरफ देखने से कतराने लगेंगे।




वेटगेन

अंडे में काफी ज्यादा मात्रा में कैलोरी होती है जो कि सेहत को अनचाहे ही काफी नुकसानदेह है। हाल ही में एक रिसर्च में दावा किया गया है कि तीन अंडे खाने से तीन हफ्तों में लगभग 1 पाउंड वजन तक बढ़ सकता है। ओबेसिटी की परेशानी से तो सभी वाकिफ हैं। ऐसे में अगर आप ओवरवेट है तो अंडे के हर फायदे को किनारे कर इससे परहेज ही करें।

हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा

अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर या हृदय संबंधी कोई परेशानी है तो आपको अंडे का पीला भाग खाने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इसमें काफी अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है। जिससे हाई ब्लड प्रेशर या हृदय संबंधित परेशानी से जूझ रहे लोगों को समस्या हो सकती है।

फूड पॉइजनिंग का बना रहता है खतरा

कच्चे अंडे में से साल्मोनेला का खतरा रहता है। जिससे आपको फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है। साथ ही इससे उल्टी, दस्त व पेट दर्द की परेशानी हो सकती है।

मुर्गी के अंडों का उत्पादन बढ़े इसके लिए उसे जो हार्मोन्स दिये जाते हैं उनमें स्टील बेस्टेरोलनामक दवा महत्त्वपूर्ण है । इसदवावाली मुर्गी के अंडे खाने से स्त्रियों को स्तनका कैंसर, हाई ब्लडप्रेशर, पीलिया जैसे रोग होने की सम्भावना रहती है । यह दवापुरुष के पौरुषत्व को एक निश्चित अंश में नष्ट करती है ।

डॉ. पी.सी.सेन, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतसरकार ने भी चेतावनीदी है कि अंडों से कैंसर होता है क्योंकि अंडों में भोजन तंतु नहीं पाये जाते हैं तथा इनमें डी.डी.टी. विष पाया जाता है ।

अंडा शाकाहारी नहीं होता है, लेकिन क्रूर व्यावसायिकता के कारण एवं ऊलजलूल तर्क देकर उसे शाकाहारी सिद्ध किया जा रहा है । मिशिगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पक्के तौर पर साबित कर दिया है कि दुनिया में कोई भी अंडा चाहे वह सेया हुआ हो या बिना सेया हुआ हो, निर्जीव नहीं होता । अफलित अंडे की सतह पर प्राप्त ‘इलेक्ट्रिक एक्टिविटी’ कोपोलीग्राफ पर अंकित कर वैज्ञानिकों ने यह साबित कर दिया है कि अफलित अंडा भी सजीव होता है । अंडा शाकाहार नहीं, बल्कि मुर्गी का वैनिक (रज) स्राव है ।

संतुलित शाकाहारी भोजन लेने वाले को अंडा या अन्य मांसाहारी आहार लेने की कोई जरूरत नहीं है ।शाकाहारी भोजनसस्ता, पचने में आसान और आरोग्य की दृष्टि से दोषरहित होता है । कुछ दशक पहले जब भोजन में अंडे का कोई स्थान नहीं था, तब भी हमारे बुजुर्ग तंदुरुस्त रहकर लम्बी उम्र तक जीते थे । अतः अंडे के उत्पादकों और भ्रामक प्रचार की चपेट में न आकर हमें उक्त तथ्यों को ध्यान में रख कर ही अपनी इस शाकाहारी आहार संस्कृति की रक्षा करनी होगी ।

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