Thursday, January 21, 2021

ईसाई धर्म प्रचारक पॉल दिनाकरन के 28 ठिकानों पर छापेमारी

 

21 जनवरी 2021


भारत मे ईसाई मिशनरी जोरो से धर्मांतरण में लगे हैं, हिंदू आदिवासियों व गरीबों को लालच देकर अथवा प्रलोभन देकर धर्म बदलने का कार्य पुरजोर से चल रहा है, आतंकवाद से इतना खतरा नहीं है जितना इन धर्मांतरण कराने वाले मिशनरियों से है, ये लोग जनता का ब्रेनवाश करके अपनी वोटबैंक बढ़ाकर राष्ट्र पर सत्ता हासिल करना चाहते हैं इसके लिए उनको भारी फडिंग भी मिलती है।




आपको बता दें की तमिलनाडु के चेन्नई में आयकर विभाग की कई इलाको में छापेमारी चल रही है। यह छापेमारी चेन्नई, कोयम्बटूर सहित ‘जीसस कॉल्स’ के नाम से ईसाई मिशनरी चलाने वाले विवादास्पद ईसाई धर्म प्रचारक पॉल दिनाकरन के 28 ठिकानों पर हुई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयकर विभाग ने बुधवार को ईसाई धर्म प्रचारक पॉल दिनाकरण के 28 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है। जिन परिसरों में आयकर विभाग ने छापेमारी की है, उनमें करुणा प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान और जीसस कॉल्स भी शामिल हैं।

बता दें जीसस कॉल्स, पॉल दिनकरन द्वारा संचालित एक संगठन है, जो पूरे तमिलनाडु में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करता है। आईटी अधिकारियों ने बुधवार (20 जनवरी, 2021) की सुबह चेन्नई के कोयम्बटूर और तमिलनाडु के विभिन्न अन्य स्थानों पर दिनाकरन की संपत्तियों की तलाशी ली। आयकर विभाग ने ईसाई संगठन द्वारा संचालित करुण्या क्रिश्चियन स्कूल पर भी छापा मारा है।

दरअसल, आयकर विभाग को दिनाकरन और जीसस कॉल्स के खिलाफ टैक्स चोरी और विदेशी फंडिंग में अनियमितता की शिकायत मिली थी, जिसके बाद आयकर विभाग ने यह छापेमारी शुरू की है। गौरतलब है कि पॉल दिनाकरन, टीवी पर लगातार ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने और उसके जरिए फंड इकट्ठा करने वाले डीजीएस दिनाकरन के बेटे हैं। पॉल तमिलनाडु में ईसाई धर्म प्रचारक के रूप में जाने जाते है। उनके काफी फॉलोवर्स हैं और वे ईसाई प्रचार-प्रसार के लिए कई संगठन भी चलाते हैं।

बताया जा रहा है कि मदर टेरेसा के बाद सबसे ज्यादा धर्मांतरण कराने में पॉल दिनाकरन का हाथ है, बताया गया है कि उसके लिए उनको विदेश से भारी फडिंग भी मिलती होगी।

महान विचारक वीर सावरकर धर्मान्तरण को राष्ट्रान्तरण मानते थे। उन्होंने कहा कि "यदि कोई व्यक्ति धर्मान्तरण करके ईसाई या मुसलमान बन जाता है तो फिर उसकी आस्था भारत में न रहकर उस देश के तीर्थ स्थलों में हो जाती है जहाँ के धर्म में वह आस्था रखता है, इसलिए धर्मान्तरण यानी राष्ट्रान्तरण है।

ईसाई मिशनरियों का उद्देश्य भी धर्मांतरण के साथ-साथ राष्ट्रान्तरण का है, वे अपना भारत में शासन चलाना चाहते हैं, इसलिए कोई हिंदुनिष्ठ अगर धर्मांतरण का विरोध करें तो उसकी हत्या कर दी जाती है अथवा झूठे केस में जेल भिजवाया जाता है जैसे ओडिशा में स्वामी लक्ष्मणानन्दजी की हत्या करवा दी, शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती व हिंदू संत आशाराम बापू को जेल भिजवाया गया।

भारतवासी मिशनरियों के षड़यंत्र को समझे और उनपर कड़ी कानूनी कार्यवाही करें। सरकार भी इनपर प्रतिबंध लगाए ऐसी जनता की मांग है।

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