Tuesday, January 23, 2018

अमेरिकन प्रोफेसर : हिन्दू धर्म से बड़ा कोई धर्म नही, हिंदुत्व से बेहतर और कुछ नहीं

January 23, 2018

अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना स्थित ऐलोन यूनिवर्सिटी में धार्मिक इतिहास विभाग के सीनियर प्रोफेसर ब्राइन के.पेनिंग्टन इन दिनों में भारत आये है और हिंदुत्व पर गहन खोज कर रहे हैं।

प्रोफेसर ब्राइन ने कहा कि बीते ढाई दशक में मैंने हिंदुत्व को जितना पढ़ा और समझा, उसका सार यही है कि जीवन को संचालित करने की हिंदुत्व से बेहतर कोई और व्यवस्था नहीं। दुनिया के किसी भी धर्म का उद्भव व उद्देश्य मानव सभ्यता के विकास क्रम में और मानवीय जीवनशैली को बेहतर बनाने पर केंद्रित रहा है।
American Professor: No religion bigger than Hindu religion, nothing better than Hindutva

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के उस मत से मैं पूरी तरह सहमत हूं, जिसमें हिंदुत्व को 'वे ऑफ लाइफ' (जीवन पद्धति) माना गया है। मेरे जीवन में भी हिंदुत्व का बड़ा महत्व है और यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं हिंदुत्व पर शोध कर रहा हूं...।

54 वर्षीय प्रो. ब्राइन हिंदुत्व एवं हिंदू मान्यताओं पर अब तक तीन पुस्तकें लिख चुके हैं। इन दिनों शोध के सिलसिले में वे भारत आए हुए हैं।

माघ मेले में शामिल होने आया हूं-

माघ मेले में शामिल होने और हिंदू धर्म, दर्शन व मान्यताओं पर अपने शोध को आगे बढ़ाने के लिए भारत आए प्रो. ब्राइन ने यहां दैनिक जागरण से चर्चा में कहा, हिंदुत्व पर लंबे शोध में मैंने अब तक यही पाया कि सांस्कृतिक मूल्यों और मान्यताओं के रूप में हिंदुत्व का इतिहास मानव सभ्यता के विकास जितना ही पुराना है। लेकिन एक धर्म के रूप में इसके सभी सांस्कृतिक मूल्यों और समान मान्यताओं का एकीकरण क्रमिक चरण में हुआ।

प्रोफेसर ने बताया कि हिंदू धर्म के इतिहास पर शोध करने के लिए वे वर्ष 1993 में पहली बार भारत आए थे। हिंदुत्व को लेकर अब तक उनकी तीन पुस्तकें 'वास हिंदुइज्म इनवेंटेड', 'रीचिंग रिलीजियन एंड वाइलेंस' और 'रिचुअल इनोवेशन' प्रकाशित हो चुकी हैं।

हिंदुत्व पर अब शोध की थीम क्या है? इस पर उन्होंने कहा, आज भी वही है, जो पहले थी- हिंदुत्व को समझना। इस समय शोध का विषय देवी-देवताओं और हिंदुत्व के बीच संबंध पर केंद्रित है। माघ मेले में सम्मिलित होने के अलावा मुझे कुछ पौराणिक स्थलों और देवी-देवताओं से संबंधित जानकारियों का संकलन करना है।

अमेरिकी विवि का पाठ्यक्रम-

प्रो. ब्राइन के अनुसार अमेरिकी विवि में रिलीजियस स्टडीज में हिंदुत्व के बारे में सबसे पहले हिंदुत्व का इतिहास पढ़ाया जाता है। हिंदू दर्शन को समझा सकने वाले वेद, पुराण, उपनिषद, गीता, रामायण, महाभारत सहित अन्य रचनाएं पाठ्क्रम में शामिल हैं। इसके अलावा स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी व माधवराव सदाशिव राव गोलवलकर जैसी शख्सियतें भी पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। प्रोफेसर ने स्पष्ट किया कि हिंदुत्व के बारे में जो भी पढ़ाया जाता है, वह प्रमाणों और तथ्यों पर आधारित होता है। इसके लिए शोध भी किया जाता है।

16 साल का था तब पहली बार पढ़ी गीता-

इस अमेरिकी प्रोफेसर ने कहा, जब मैं 16 वर्ष का था, तब पहली बार गीता पढ़ी। इसी के बाद मेरी हिंदुत्व के प्रति रुचि जागृत हुई। फिर तो मैंने वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत सहित सभी धर्मशास्त्रों, 15वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक के सभी संतों और विवेकानंद, गोलवलकर व गांधी जैसे महापुरुषों के बारे में भी अध्ययन किया। महाभारत ग्रंथ को पढ़कर मैं खासा प्रभावित हुआ। महाभारत में जो किरदार हैं, उनका अपना अलग महत्व है। खासकर युधिष्ठिर से मैं सबसे अधिक प्रभावित हुआ। जबकि, रामायण समझने में अति सरल है।

सकारात्मक आस्था के मामले में हिंदू धर्म सर्वश्रेष्ठ-

प्रो. ब्राइन का मानना है कि सकारात्मक आस्था के मामले में हिंदू धर्म सभी धर्मों में श्रेष्ठ है। उन्होंने कहा, इसका उदाहरण गंगा नदी के रूप में देखा सकता है। गंगा को माता का दर्जा दिया गया है, लेकिन उसका जल सभी के लिए बराबर है। हिंदुत्व में मानव सभ्यता के उच्चतम आदर्शों व मूल्यों का समावेश है और प्रकृति पूजा इसके मूल में है।

डॉ. डेविड फ्रॉली कहते हैं : हिंदुत्व बहुत पावरफुल कल्चर है, ‘‘भारत को अपने लक्ष्य तक पहुँचना है और वह लक्ष्य है अपनी #आध्यात्मिक संस्कृति का #पुनरुद्धार । इसमें न केवल भारत का अपितु मानवता का कल्याण निहित है । यह तभी सम्भव है जब भारत के बुद्धिजीवी आधुनिकता का मोह त्यागकर अपने हिन्दू धर्म और अध्यात्म की कटु आलोचना से विरत होंगे ।

अमेरिका के प्रोफेसर भी खुलकर हिन्दू धर्म को महान बता रहे हैं लेकिन भारत मे सेक्युलर के नाम पर हिन्दू धर्म को नीचा दिखाने की भारी कोशिश की जा रही है और मीडिया, सेक्युलर नेता आदि हिन्दू विरोधी बातें करते हैं यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट भी हिन्दू धर्म के खिलाफ कई बार जजमेंट दे चुका है, सरकार भी सेक्युलर एजेंडे में ही चल रही है हिन्दू धर्म पर भारी खतरा मंडार रहा है।

हिन्दू धर्म की महिमा अमेरिका के प्रोफेसर समझ रहे हैं तो भारत के हिन्दू कब समझेंगे ? गीता पढ़कर हिन्दू धर्म की महत्ता समझ गये तो भारत में हिन्दू गीता, उपनिषद आदि हिन्दू धर्मग्रंथों को क्यों नही पढ़ रहे हैं? हिंदुओं ने अपने धर्म की उपेक्षा करने लगे है और पाश्चात्य संस्कृति की ओर आकर्षित होने लगे हैं इसलिए आज हिंदुत्व पर प्रहार होने लगा है और विदेशी ताकतें हिन्दुओं का धर्मान्तरण करवा रहे हैं ।

अभी भी हिन्दू जगा नही और अपने धर्म की महिमा समझकर लौटा नही तो आगे जाकर बहुत भुगतना पड़ेगा। अतः हिन्दू धर्म की महिमा समझकर उस अनुसार आचरण करें और अन्य लोगों को भी प्रेरित करें ।

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