छह साल के बाद स्वामी असीमानंद जी जेल से रिहा, पर मीडिया ने साधी चुप्पी क्यों ???
स्वामी जी का जेल में बीता समय वापिस कौन लौटा पायेगा ???
हैदराबाद की #मक्का_मस्जिद बम विस्फोट में बनाये गये आरोपी स्वामी #असीमानंद जी छह साल से भी ज्यादा समय बाद जमानत पर जेल पर रिहा किए गए। 23 मार्च को मिली जमानत के बाद हैदराबाद की #चंचलगुडा जेल से असीमानंद 31 मार्च को बाहर निकले।
Innocent Swami Asimanand Released |
#मेट्रोपॉलिटन सेशन कोर्ट ने स्वामी #असीमानंद को जमानत दी ।
18 मई 2007 को मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट में 9 लोग मारे गए थे।
इस घटना में शामिल होने के आरोपों के तहत नवंबर 2010 में स्वामी असीमानंदजी की #गिरफ्तारी हुई थी।
असीमानंद जी अजमेर #बम-ब्लास्ट के मामले में भी फंसे थे लेकिन उनको जयपुर कोर्ट ने उस केस में बरी कर दिया था। इसके बाद मक्का मस्जिद केस में उनको गिरफ्तार कर लिया गया ।
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में उनका नाम था लेकिन वहाँ से भी उनको एनआईए ने क्लीनचिट दे दी थी।
आपको बात दें कि गृहमंत्रालय के #गोपनीय #दस्तावेज से भी बड़ा खुलासा हुआ था कि कांग्रेस सरकार के द्वारा #पाकिस्तानी #आतंकवादियों की जगह #हिन्दू #संगठनों के कार्यकर्ता और हिन्दू साधु-संतो को जेल में #षड़यंत्र के तहत डाला गया ।
सोनिया गांधी ने #हिन्दू #संस्कृति नष्ट करने हेतु हिन्दुओं की बदनामी करवाने के लिए उसे "#भगवा_आतंकवाद" नाम दिया था ।
भगवा आतंकवाद का #लक्ष्य पूरा करने के लिए हिन्दू संतो को जेल में डाल दिया गया ।
देखिये वीडियो
जॉइंट इंटेलीजेंस कमेटी के पूर्व प्रमुख और पूर्व उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. एस डी प्रधान ने भी #मालेगांव और #समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
प्रधान ने बताया कि ब्लास्ट होने वाला है वो हमें पहले ही पता चल गया था और हमने #गृह मंत्रालय में भी बता दिया था लेकिन #पी. चिंदबर ने राजनैतिक फायदे के लिए #साध्वी प्रज्ञा, #स्वामी असीमानंद आदि हिन्दू #साधु-संतों को फंसाने के लिए भगवा आतंकवाद नाम देकर उनको जेल भेज दिया था।
स्वामी असीमानंद को अब जमानत तो मिल गई है लेकिन उनको 6 साल से अधिक समय तक जेल में रखा गया, वो उनका कीमती समय क्या कानून लौटा पायेगा ???
मीडिया ने भी उस समय खूब बदनामी की लेकिन जैसे ही उनको कई जगह से निर्दोष बरी किया गया तब मीडिया ने चुप्पी साध ली । जब भी कोई हिन्दू साधु-संत पर आरोप लगता है तो मीडिया उनकी समाज में इतनी बदनामी करती है कि जैसे वो आरोपी नहीं अपराधी हो । पर जब वही संत निर्दोष छूट कर आते हैं तो मीडिया को मानो सांप सूंघ जाता है।
विचार कीजिये, क्या सिर्फ हिन्दू संतों को बदनाम करने का मीडिया का एजेंडा है..???
कछुवा छाप चलने वाली हमारी न्याय प्रणाली भी मीडिया के प्रभाव में आकर हिन्दू संतों को न्याय नही दे पाती है ।
और न्याय मिल भी जाता है तो इतना देरी से मिलता है कि न्याय नही मिलने के ही बराबर हो जाता है । क्या देरी से न्याय मिलना अन्याय नहीं है ???
गौरतलब है कि अब साध्वी प्रज्ञा, #कर्नल पुरोहित, #बापू #आसारामजी, #श्री #नारायण साईं, #धनंजय देसाई आदि को फंसाने के पीछे कई सबूत मिल चुके हैं। लेकिन उनको भी अभीतक जमानत मिल नही पाई है ।
क्या उनको इसलिये जेल में रखा गया है कि वो कट्टर हिंदुत्ववादी हैं..???
उन्होंने लाखों हिंदुओं की #घरवापसी करवाई है ।
विदेशी प्रोडक्ट पर रोक लगाई है ।
विदेशी ताकतों ने मीडिया से सांठ-गांठ कर हिन्दू संतों को बदनाम करवाया । जिसका असर न्यायपालिका के फैसलों पर भी पड़ा ।
अतः विदेशी फंड से चलने वाली मीडिया से भारतीय सावधान रहें ।
अब देखना ये है कि #हिन्दुत्वादी कहलाने वाली #सरकार #कब इन #हिन्दू #संतों को भी #न्याय दिलवाती है..???
कांग्रेस सरकार ने तो षडयंत्र करके हिन्दू सन्तों को जेल भेज दिया था पर अब हिंदुत्ववादी कहलाने वाली #BJP सरकार कैसे हिंदुओं के माप-दण्ड पर खरी उतरती है , ये देखना है ।
कब निर्दोष संतों की जल्द से जल्द सह-सम्मान रिहाई करवाती है उसी पर सभी हिंदुओं की निगाहें टिकी है ।
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