28 मार्च 2019
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पाकिस्तान के दूर-दराज और देहात के इलाकों में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और उनके लिए परेशानियां खड़ी करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन मामला सिर्फ इतना ही नहीं है । पाकिस्तान में ऐसे बहुत से हिन्दू मां-बाप हैं, जिनके ना चाहते हुए भी उनकी बेटियों को मुस्लिम सूदखोर उठाकर ले जाते हैं ।
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कुछ दिन पहले पाकिस्तान के घोटकी में दो दलित हिन्दू लड़कियों रीना और रवीना मेघवार का अपहरण करके उन्हें इस्लाम कबूल करवा दिया जाता है । दोनों नाबालिग लड़कियां जिनकी उम्र क्रमश: 12 और 14 साल है उनकी उम्र से बड़े आदमियों से उनका निकाह कर दिया जाता है । सोशल मीडिया पर चर्चा होती है। एफआईआर दर्ज करवायी जाती है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं करता है और न मीडिया इस मुद्दे को उठाता है । ऊपर से दो दिन बाद एक मौलवी उन दोनों नाबालिग लड़कियों को लेकर मीडिया के सामने आता है और बताता है बहुत समय से (शायद गर्भ में थीं तभी से) दोनों लड़कियां इस्लाम कबूल करना चाहती हैं, हमने उन्हें अब मौका फरहाम कर दिया है ।
अभी हाल ही में एक और हिंदू बच्ची के अपहरण का मामला समान आया है
सिंध सूचना विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हरिराम किशोरी लाल ने 16 साल की हिन्दू लड़की के अपहरण के संबंध में सोशल मीडिया पर चल रहे एक समाचार पर संज्ञान लिया है । कहा जा रहा है कि मेघवार समुदाय की यह लड़की बादिन जिले के तांदो बाघो की रहने वाली है।
सिंध सूचना विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हरिराम किशोरी लाल ने 16 साल की हिन्दू लड़की के अपहरण के संबंध में सोशल मीडिया पर चल रहे एक समाचार पर संज्ञान लिया है । कहा जा रहा है कि मेघवार समुदाय की यह लड़की बादिन जिले के तांदो बाघो की रहने वाली है।
पाकिस्तान में हर साल हिन्दू लड़कियों के जबरन अपहरण की ऐसी दर्जनों घटनाएं होती हैं लेकिन वहां कोई मुसलमान इसके खिलाफ नहीं बोलता। बोलेगा कैसे? आखिर उसकी किताब उसे बोलने की इजाजत कहां देती है? वह जानता है कि इस्लाम तो यही है जैसे हो सके सबको मुसलमान बना देना है। अगर कोई अपहरण करके बना रहा है तो गलत क्या कर रहा? गैर मुस्लिम लड़कियों को अगवा करना इस्लाम की ऐसी खिदमत है जिससे धीरे-धीरे हर गर्भ से सिर्फ मुसलमान पैदा होगा। इसलिए अगर कोई गैर मजहबी लड़कियों का अपहरण कर रहा है, उनके साथ लव जिहाद कर रहा है तो वह तो इस्लाम की सच्ची खिदमत ही कर रहा है । इसलिए मुसलमान चुप रहता है । उसे कोई दुख नहीं होता । उसके मन में प्रायश्चित के कोई भाव नहीं आते। ऐसी घटनाओं का मुखर होकर विरोध तो छोड़िए, एक शब्द लिखता बोलता तक नहीं ।
लड़की को ले जाने वाला, उससे कुछ भी करा सकता है-
पाकिस्तान में इन औरतों को प्रोपर्टी की तरह ही देखा जाता है । उसे खरीदने वाला उसे बीवी बना सकता है, दूसरी बीवी बना सकता है, खेतों में काम करा सकता है, यहां तक कि वो उसे जिस्मफरोशी के धंधें में भी धकेल सकता है क्योंकि उसका मालिक बन गया है।
ग्लोबल स्लेवरी इंडेक्स 2016 की रिपोर्ट कहती है कि 20 लाख से ज्यादा पाकिस्तानी हिन्दू गुलामों की जिंदगी बसर कर रहे हैं, इनमें अल्पसंख्यकों की बड़ी तादाद है । जिनसे खेती-बाड़ी से लेकर घर तक के काम कराए जाते हैं ।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर साल करीब 1000 हिंदू और ईसाई लड़कियों (ज्यादातर नाबालिग) को मुसलमान बनाकर शादी करा दी जाती है ।
गरीब अल्पसंख्यकों की लड़कियां होती हैं सबसे ज्यादा शिकार-
पाकिस्तान में इस तरह के मामलों के लिए लड़ने वाले एक संगठन से जुड़े गुलाम हैदर कहते हैं कि वो खूबसूरत लड़कियों को चुनते हैं । हैदर कहते हैं कि इसका शिकार होने वाले गरीब परिवार होते हैं । यहां तक ना मीडिया के कैमरे पहुंचते हैं और ना पुलिस स्टेशन में इनकी कोई सुनवाई होती है ।
पाकिस्तान में हिन्दुओं के लिये श्मशान घाट तक नहीं-
पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से हिंदू समुदाय के लिए विभिन्न स्थानों पर श्मशान घाट की सुविधा न होने के कारण अपने मृतकों को धार्मिक अनुष्ठानों के उलट यानी जलाने के बदले कब्रिस्तान में दफनाने के लिए मजबूर हो चुके हैं ।
पूरे पाकिस्तान में पहले अल्पसंख्यकों के लिए हर छोटे बड़े शहर में धार्मिक केंद्र या पूजा स्थल थे लेकिन दुर्भाग्य से उन पर या तो सरकार या भूमि माफिया ने कब्जा कर लिया है । जिससे अल्पसंख्यकों की मुसीबतें बढ़ी हैं ।
हारून सर्वदयाल के अनुसार, "जिस तरह पाकिस्तान के बनने के समय अल्पसंख्यक अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे थे, उनके हालात में 70 साल बाद भी कोई बदलाव नहीं आया है । वे आज भी अपने अधिकारों से वंचित हैं। "
पाकिस्तान में हिंदू समुदाय देश का सबसे बड़े अल्पसंख्यक तबका माना जाता है। हिंदुओं की ज्यादातर आबादी सिंध और पंजाब के जिलों में रहती है । खैबर पख्तूनख्वाह में पेशावर के बाद हिंदुओं की संख्या कोहाट, बुनेर, हंगू, नौशहरा, स्वात, डेरा इस्माइल खान और बनू के जिलों में भी रहती है ।
पाकिस्तान में हिन्दू मंदिर तोड़े जाते हैं । हिन्दू महिलाओं के साथ दुष्कर्म किये जाते हैं । यहाँ तक कि उठाकर मुस्लिम बना दिया जाता है , श्मशान घाट तक नहीं है, हिन्दुओं की हत्याएं की जाती हैं । हिन्दुओं पर इतना अत्याचार किया जाता है फिर भी उनके लिए कोई आवाज उठाने के लिए तैयार नही है ।
आज भी अगर भारत में हिंदुओं ने "हम दो हमारे दो" के सिद्धान्त को नहीं तोड़ा तो पाकिस्तान जैसा हाल होने में देरी नहीं लगेगी । अतः हिन्दू सावधान रहें।
मुस्लिम चार शादियां करके 40 बच्चे पैदा कर सकते हैं तो हिन्दू कम से कम 4 बच्चे तो पैदा कर ही सकता है ।
पाकिस्तान के हिंदुओं की हालत नरक से भी बद्तर हो गई है अतः हमें उसके लिए आवाज उठानी चाहिए क्योंकि मीडिया, सेकुलर, वामपंथी इस खबर पर चुप रहेंगे।
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