30 नवम्बर 2018
भारतीय संस्कृति महान है लेकिन उसे नष्ट करने के लिए अनेक प्रयत्न किये जा रहे हैं और उसमे भी मुख्य रूप से भूमिका निभा रही है विदेशी फंडेड प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, जो सहीं खबरें न दिखाकर केवल उसके एजेंडे के अनुसार खबरें दिखाने लगी है और कांग्रेस उसका समर्थन कर रही है ।
आपको बता दें अभी हाल ही में एक घटना गुजरात के अहमदाबाद में हुई । 24 से 30 नवम्बर तक एक "बुक फेयर" लगा था उसमे करीब 250 के आसपास साहित्य के स्टाल लगे थे उसमे सभी धर्म, मत, पंथ के साहित्य के स्टाल थे, उसमे ईसाई मिशनरियां और इस्लाम पंथ वालों का भी स्टाल लगा था और वे लोग अपने स्टाल पर बुलाकर ईसाई और मुस्लिम धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे थे और बुक भी फ्री में बांट रहे थे, लेकिन उनके खिलाफ न मीडिया बोली और न ही कांग्रेस बोली, सभी मौन रहे ।
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बता दें कि मीडिया और कांग्रेस हिन्दू संत आसाराम बापू आश्रम के हिंदू संस्कृति के साहित्य स्टॉल से तिलमिला उठे और मीडिया और कांग्रेस के प्रवक्ता उनके खिलाफ बोलने लगे, यहाँ तक की स्टाल बंद करने की धमकी भी दे डाली पर जनता ने मीडिया और कांग्रेस का कड़ा विरोध किया और स्टाल पर रखी हजारों पुस्तक खरीदने लगे और भारतीय संस्कृति की महिमा समझने लगे ।
मीडिया और कांग्रेस को यह सवाल चुभ रहा था कि आसाराम बापू को सजा हो गई फिर भी उनके साहित्य क्यों बिक रहे हैं, लेकिन आपको बता दें कि सलमान खान को हिट एंड रन और काले हिरण हत्या केस में सेशन कोर्ट ने सजा सुना दी थी तब तो मीडिया और कांग्रेस सलमान खान के पक्ष में बोल रही थी एक भी शो बंद करने की मांग नहीं की, फिर उन्हें हाइकोर्ट से तुंरत जमानत भी मिल गई, लेकिन धर्मान्तरण पर रोक लगाने वाले हिन्दू संत आसाराम बापू के केस में 5 साल तक ट्रायल चला उसमें भी जमानत नहीं मिल पाई और सजा होने के बाद भी नहीं मिल पाई इससे साफ होता है कि राष्ट्रविरोधी ताकतें उन्हें बाहर नहीं आना देना चाहती हैं ।
आपको बता दें कि हिन्दू संत आसाराम बापू करीब 5 साल 3 महीने से जोधपुर जेल में बंद हैं उनको सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, लेकिन हाईकोर्ट में उन्होंने सेशन कोर्ट की सजा के खिलाफ चैलेंज किया है, हाईकोर्ट ने उनकी अपील स्वीकार भी कर ली है ।
बता दें कि न्यायव्यवस्था में चारस्तरीय व्यवस्था बनाई गयी है अगर पहली कोर्ट से चूक हो जाए, तो दूसरी और यदि कहीं दूसरी से हो जाये तो तीसरी इस तरीके से आखरी सुप्रीम तक जा सकते हैं। वहाँ भी न्याय न मिले तो लोक अदालत में जा सकते हैं । जबतक आखरी कोर्ट से सजा नहीं होती है तबतक आप न्यायप्रक्रिया से गुजर रहे हैं । पहली कोर्ट का आखरी निर्णय सही नहीं माना जाता है, पहली कोर्ट का निर्णय सहीं मानकर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं ऐसा ही हिन्दू संत आसाराम बापू के केस में हो रहा है अभी पहली कोर्ट ने सजा सुनाई है आगे के तीन स्टेप बाकी हैं तब तक उन्हें दोषी मानना उचित नहीं है ।
मीडिया और कांग्रेस को किसी हिंदुनिष्ठ या साधु-संत का कोई एक मुद्दा मिलने की देर है फिर उसे इतना उछालते हैं मानो उनके किसी हितैषी की मौत हो गई हो पर जब अन्य धर्म पर बोलने का मौका आता है तो चुप बैठ जाते हैं ।
यदि आप भी मीडिया और सेकुलर नेताओं की बातों को सच मानकर बापू आसारामजी को दोषी मानते हैं तो आपको सच्चाई बताते हैं, उसे भी जान लीजिये...
1.आरोप लगाने वाली लड़की घटना बताती है राजस्थान के जोधपुर की, रहने वाली थी उत्तर प्रदेश की, पढ़ती थी मध्यप्रदेश में और तथाकथित छेड़छाड़ की घटना के 5 दिन बाद FIR करवाई गई । वो भी जोधपुर की घटना बताकर FIR जोधपुर से 600 कि.मी.दूर दिल्ली में रात्रि 2:45 बजे ।
2. जिस रजिस्टर में लड़की की घटना लिखी थी उस हेल्पलाइन रजिस्टर के कई पन्ने संदिग्ध तरीके से फाड़े गए ।
3. 20.08.2013 को लड़की के न्यायालय में मैजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान होने के बाद F.I.R. 21.08.2013 को न्यायालय में पेश की गई ।
4. कमला मार्केट पुलिस स्टेशन, दिल्ली में F.I.R. लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई, जो आज तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की गई ।
5. ओरिजिनल एफ.आई.आर. को बदल दिया गया, FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।
6. जोधपुर के पुलिस स्टेशन में लड़की के बयान रिकोर्ड करते समय की गयी वीडियो रिकार्डिंग में कई जगह interruptions पाए गए |
7.मेडिकल में भी लड़की के शरीर पर एक खरोंच का भी निशान नहीं पाया गया ।
8. उम्र संबंधी अलग-अलग सर्टिफिकेट में लड़की की अलग-अलग उम्र पाई गई ।
9. अनुसंधान अधिकारी चंचल मिश्रा द्वारा 12 अगस्त से 17 अगस्त 2013 (तथाकथित घटना के समय) की कॉल डिटेल हटाकर कोर्ट में पेश किया गया ।
10. लड़की की कॉल डिटेल से स्पष्ट हुआ कि घटना की रात लड़की किसी संदिग्ध व्यक्ति से फोन द्वारा संपर्क में थी ।
11. तथाकथित घटना के समय बापू आसारामजी एक मँगनी कार्यक्रम में व्यस्त थे, लड़की कुटिया में गई ही नहीं ।
बता दें कि जब लड़की कुटिया में गई ही नहीं, मेडिकल में कोई प्रूफ है नहीं, फिर भी उम्रकैद सजा देना ये आश्चर्यजनक है ।
आपको बता दें कि उनपर आरोप लगने से पहले उनके आश्रम में फैक्स आया था कि पचास करोड़ दो नहीं तो जेल जाओ और चूंकि आसाराम बापू ने पैसे नहीं दिए उसके बाद ये पूरी घटना हुई ।
बता दें कि डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कई बार खुलासा किया है कि बापू आसारामजी को धर्मपरिवर्तन पर रोक लगाने और लाखों हिन्दुओं की घरवापसी कराने के कारण षडयंत्र के तहत जेल भिजवाया गया है ।
गौरतलब है कि बापू आसारामजी का समाज व देशहित के सेवाकार्यों में अतुलनीय योगदान रहा है जिसकी भूरी-भूरी प्रशंसा बड़ी-बड़ी सुप्रसिद्ध हस्तियों ने उनके आश्रम को प्रशस्ति पत्र देकर की है । राष्ट्रविरोधी ताकतों को यह रास न आया और उन्हें षड्यंत्रपूर्वक जेल भेजा गया ।
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